logo

मूड

ट्रेंडिंग:

जेम्स वेब टेलीस्कोप की नई खोज, क्या हमारा ब्रह्मांड ब्लैक होल में है?

नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने कुछ ऐसा पता लगाया है, जिसने वैज्ञानिकों को भी चौंका दिया है। आइए जानते हैं JWST की क्या है नई खोज।

AI Image of Black hole

सांकेतिक चित्र(Photo Credit: Freepik)

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

ब्रह्मांड हर दिन कुछ नया और चौंकाने वाला सामने लाती है। हाल ही में नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (James Webb Space Telescope - JWST) की मदद से एक नई खोज ने वैज्ञानिकों को हैरानी में डाल दिया है। यह खोज न सिर्फ कई गैलेक्सी की गति के बारे में नई जानकारी देती है, बल्कि यह भी संकेत देती है कि हो सकता है हमारा पूरा ब्रह्मांड एक बहुत बड़े ब्लैक होल के अंदर हो।

 

कान्सास स्टेट यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने जेम्स वेब टेलीस्कोप से मिले तस्वीरों पर स्टडी किया। उन्होंने लगभग 263 पुरानी गैलेक्सी की गति को देखा। इन गैलेक्सी में से कुछ बिग बैंग के सिर्फ 30 करोड़ साल बाद की हैं।

 

स्टडी में पाया गया कि करीब 60% गैलेक्सी एक ही दिशा में यानी घड़ी की दिशा में घूमती हैं। यह बात इसलिए चौंकाने वाली है क्योंकि अब तक माना जाता था कि गैलेक्सी की घूमने की दिशा बिलकुल अनियमित होती है।

 

यह भी पढ़ें: जुलाई 2025 में लॉन्च होगा NISAR, भूकंप जैसी आपदाओं पर रखेगा नजर

इस खोज का क्या मतलब है?

यह खोज यह दिखाती है कि ब्रह्मांड शायद उतना अव्यवस्थित नहीं है जितना पहले समझा गया था। इतनी ज्यादा संख्या में गैलेक्सी का एक ही दिशा में घूमना यह संकेत देता है कि किसी कारण से ब्रह्मांड की रचना में एक खास पैटर्न या व्यवस्था हो सकती है।

 

कुछ वैज्ञानिकों ने यह भी विचार साझा किया है कि शायद पूरा ब्रह्मांड किसी विशाल ब्लैक होल के अंदर है। अगर यह सिद्धांत सही निकलता है तो यह ब्रह्मांड की उत्पत्ति, स्वरूप और उसके अंत को लेकर हमारे वर्तमान ज्ञान को पूरी तरह बदल देगा।

 

यह भी हो सकता है कि किसी शक्तिशाली ऊर्जा या बल ने इन गैलेक्सी को एक ही दिशा में घुमाया हो या फिर ब्रह्मांड की शुरुआत में ही कोई ऐसी वजह रही हो जिसने इस पैटर्न को जन्म दिया।

 

यह भी पढ़ें: ईरान के सैकड़ों ड्रोन-मिसाइल हमले को Iron Dome ने कैसे फेल किया

इस खोज में क्या सीमाएं हो सकती हैं?

वैज्ञानिकों ने यह भी बताया कि यह पैटर्न डॉपलर प्रभाव (Doppler Effect) जैसे किसी Observational Bias की वजह से भी हो सकता है। इसका मतलब यह हो सकता है कि जो हमें दिखाई दे रहा है वह असली नहीं, बल्कि टेलीस्कोप की सीमाओं की वजह से एक झूठा संकेत हो सकता है। इसलिए, इस पर और स्टडी करने की जरूरत है।

Related Topic:#Space News#NASA

और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap