logo

मूड

ट्रेंडिंग:

अगर हादसे में पूरा परिवार मर जाए तो संपत्ति किसको मिलेगी? समझिए नियम

अगर किसी हादसे में पूरा परिवार खत्म हो जाए, नॉमिनी की भी मौत हो जाए तो संपत्ति किसे मिलेगी, आइए जानते हैं इससे जुड़े नियम कानून।

Insurance Claim

AI Generated Image. (Photo Credit: sora.chatgpt.com)

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

अहमदाबाद विमान हादसे में 241 लोगों ने अपनी जान गंवा दी। कुछ लोग ऐसे भी थे, जिनका पूरा परिवार खत्म हो गया। उन्हीं लोगों में एक परिवार डॉ. प्रतीक जोशी का भी था। डॉ. प्रतीक इस विमान में सवार थे। उनकी पत्नी डॉ. कौमी व्यास, 8 साल की बेटी मिराया और 5 साल के जुड़वां बेटे प्रद्युत और नकुल की मौत हो गई थी। यह परिवार, कई साल तक अलग-अलग रहने के बाद लंदन में बसने जा रहा था। एक साथ पूरा परिवार खत्म हुआ तो अब कुछ सवाल उठ रहे हैं।

अगर किसी हादसे में पूरा का पूरा परिवार ही खत्म हो जाए तो बीमा राशि, जमीनें और संपत्ति किसे मिलती हैं, कौन क्लेम कर सकता है, उत्तराधिकार से जुड़ने नियम कानून, ऐसी स्थिति में किस पर लागू होते हैं। अगर पॉलिसीधारक और उनके दोनों नॉमिनी हादसे में जान गंवा दें तो बीमा कंपनियां किसे भुगतान करें। 

यह भी पढ़ें: 3000 रुपये में FASTag का सालाना पास, कहां और कैसे मिलेगा? सब जान लीजिए

हादसे से क्या सबक मिला? 

अब नॉमिनी चुनने पर लोग गंभीरता से विचार कर रहे हैं। जीवन बीमा विशेषज्ञों का मानना है कि इंश्योंरेसं, म्युचुअल फंड्स और सेविंग योजनाओं में जितने नॉमिनी के विकल्प हों, उतना ठीक ररहता है। अगर बीमा धारक, बैंक अकाउंट होल्डर और उनके साथ ही नॉमिनी की भी मौत हो जाए तो ऐसे मामलों में उत्तराधिकार और वसीयत संबंधियां जानकारियां जुटानी अहम हैं। 


कितने नॉमिनी हो सकते हैं?

बैंकिंग लॉ अमेंडमेंट एक्ट 2024 के लागू होने के बाद, अब 4 नॉमिनी बनाए जा सकते हैं। PPF और सेविंग स्कीम में 4 नॉमिनी बनाए जा सकते हैं। SEBI के नियम कहते हैं कि डीमैट, म्युचुअल फंड पोर्टफोलियो में 10 नॉमिनी बनाए जा सकते हैं। 


वसीयत या नॉमिनी क्या है बेहतर? 

आमतौर पर लोग पति-पत्नि या बच्चे को नॉमिनी बनाते हैं, वहीं शेयर तय कर देते हैं। पॉलिसी से जुडे़ मामलों को कवर करन वाले बैंक एडवोकेट आनंद कुमार बताते हैं कि नॉमिशनेशन की तुलना में वसीयत करना ज्यादा ठीक होता है। 

यह भी पढ़ें: बिना आधार, सब निराधार, 1 जुलाई से क्या बदलेगा?

नॉमिनेशन कितने तरह का हो सकता है 

अगर नॉमिनेशन में एक से ज्यादा नॉमिनी बनाए जाते हैं तो इसे साइमल्टेनियस नॉमिनेशन कहते हैं। अगर पॉलिसी या अकाउंट होल्डर की मौत हो जाए, नॉमिनेशन में बदलाव न हो तो जिस नॉमिनी की मौत हो जाती है, उसके हिस्से का बंटवारा दूसरे नॉमिनीज में अनुपात के हिसाब से होता है। 

खाताधारक अगर जिंदा है और किसी नॉमिनी की मौत हो जाए तो वह नॉमिनेशन में बदलाव हो सकता है। वरीयता के आधार पर नॉमिनेशन दिया जाता है। म्युचुअल फंड के मामले में यह नियम लागू नहीं होता। बैंक लॉकर के केस में सक्सेसिव नॉमिनेशन होता है। 

अहमदाबाद वाले केस में क्या होगा? 

अगर पूरा परिवार खत्म हो गया है तो नजदीकी रक्त संबंधी, संपत्ति पर दावा कर सकते हैं। अगर मरने वाले शख्स ने कोई वसीयसत किया है तो वसीयतधारी को यह संपत्ति मिल सकती है। ऐसे मामलों में संपत्ति किसे मिलेगी, यह कोर्ट तय करेगा। 

यह भी पढ़ें: मोबाइल डेटा ऑन होने पर हो सकती है ऑडियो हैकिंग, बचने का तरीका जानिए

अगर आप बना रहे हैं नॉमिनी तो क्या करें 

परिवार के लोगों को नॉमिनी बनाएं। सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में कहा है कि नॉमिनी, संबंधित राशि का रिसीवर होता है, असली संपत्ति उसे मिलेगी, जो कानूनी वारिस होगा। बस कोर्ट में उस शख्स को अपना हक साबित करना पड़ता है। 


और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap