महाराष्ट्र में उत्तरी मुंबई के चारकोप से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां एक महिला को पुलिस ने गिरफ्तार किया है क्योंकि उस पर आरोप है कि उसने एक आदमी से बलात्कार का झूठा केस वापस लेने के बदले 1 करोड़ रुपये की मांग की थी। वह महिला प्राइवेट बैंक की एक कर्मचारी है। पुलिस ने बताया कि महिला पर आरोप है कि उसने अपने पूर्व साथी को झूठे मामले में फंसाकर पैसे मांगे। उस महिला पर अपने पूर्व प्रेमी को गलत केस में जेल भेजने, कथित तौर पर झूठे बलात्कार के मामले की साजिश रचने और उससे एक करोड़ की जबरन वसूली करने का प्रयास करने का आरोप है।
पीड़ित युवक को जेल भेजकर भी महिला शांत नहीं हुई। उसका असली खेल इसके बाद ही शुरू हुआ। जब पीड़ित को कोर्ट में पेश किया गया तो डॉली ने उसकी बहन से जमानत के लिए नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट बयान के बदले एक करोड़ की मांग भी की। डॉली ने पीड़ित की बहन को कथित तौर पर धमकी भी दी कि अगर उसकी मांगें पूरी नहीं हुई तो अंजाम अच्छा नहीं होगा।
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क्या है पूरा मामला?
पुलिस ने बताया कि एक 40 साल के आदमी ने इस मामले में शिकायत की है। वह आईटी सेक्टर में नौकरी करता है और अपनी पत्नी और बच्चे के साथ कुंद्रा वेस्ट में रहता है। उसकी और आरोपी महिला की दोस्ती 2012 में हुई थी। महिला एक प्राइवेट बैंक में नौकरी करती थी और शुरू में दोनों सिर्फ जान-पहचान में थे। धीरे-धीरे मुलाकातें बढ़ीं और दोस्ती गहरी हो गई। पुलिस ने बताया कि साल 2017 में दोनों के बीच प्रेम संबंध थे लेकिन जब महिला ने शादी की बात कही तो उसने इनकार कर दिया क्योंकि वह पहले से ही शादीशुदा था। इस बात से नाराज होकर महिला ने 2023 में उसके खिलाफ बलात्कार का केस दर्ज करवा दिया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था और इस दौरान वह एक महीने जेल में भी रहा।
एक करोड़ की मांग
जब पीड़ित जेल से बाहर निकला तो डॉली और उसके भाई ने उसको धमकाना शुरू कर दिया। वह उससे केस वापस लेने की बात करने लगे लेकिन इसके लिए उससे पैसे की मांग की। पहले डॉली ने केस वापस लेने के लिए एक करोड़ रुपये की मांग की थी लेकिन जब वह देने को तैयार नहीं हुआ था तो उसने रकम घटाकर 50 लाख कर दी। 50 लाख रुपये देने के लिए भी पीड़ित नहीं माना।
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पीड़ित के बैंक अकाउंट पर थी नजर
जब पीड़ित ने पैसे देने से मना कर दिया तो महिला ने अपने वकील के जरिए उससे बात की। 10 मई 2024 को महिला फिर से पीड़ित से मिली और इस दिन उसने पीड़ित से जो बात की और जो खुलासे किए उसने पीड़ित को डरा दिया। डॉली ने कहा कि उसे सब पता है कि उसके पास कितने पैसे हैं, कहां खर्च होते हैं और यहां तक कि उसकी पत्नी ने कहां निवेश किया है। यह सुनकर वह व्यक्ति घबरा गया और उसने जांच शुरू की। जांच में सामने आया कि महिला के दोनों मोबाइल नंबर उसके गूगल अकाउंट से जुड़े हुए थे और इन्हीं के जरिए महिला उनकी सारी डिटेल्स ले रही थी।
पुलिस के मुताबिक, महिला ने धोखे से उसके फोन डिटेल्स का एक्सेस ले लिया था और इसी एक्सेस के जरिए महिला उसके बैंक अकाउंट की डिटेल्स, ओटीपी और शायद पासवर्ड तक देख रही थी। इस काम में वह अकेली नहीं थी। उसके साथ एक बैंक कर्मचारी भी था। यह बैंक कर्मचारी उसी बैंक में काम करता था जहां पीड़ित का खाता था। वह सारी डिटेल्स महिला को देता था।
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जांच में जुटी पुलिस
3 जनवरी 2025 को चारकोप पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की। इस FIR में डॉली, उसका भाई, उसकी एक दोस्त और बैंक कर्मचारी को आरोपी बनाया गया है। उन पर कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया, जिनमें आईपीसी की धारा 308(7) (फिरौती)और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा 72ए (कानूनी अनुबंध तोड़कर जानकारी उजागर करना), 66 (ए) (आपत्तिजनक संदेश भेजना), 66(डी) (कंप्यूटर का इस्तेमाल कर धोखाधड़ी) और 66(ई) (गोपनीयता का उल्लंघन) शामिल हैं। बुधवार को पुलिस ने महिला को गिरफ्तार कर मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया। कोर्ट ने उसे आठ दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। पुलिस अभी इस मामले की जांच कर रही है।