केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने एक जनसभा में ऐलान किया था कि उनकी पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) बिहार की 43 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है। उनका कहने का मतलब था कि जिन सीटों पर सत्तारूढ़ गठबंधन एनडीए उम्मीदवार उतारेगा, उन सभी उम्मीदवारों को चिराग पासवासन की पार्टी अपना मानेगी, उनके लिए चुनाव प्रचार करेगी। कांग्रेस को चिराग पासवान के इस दावे पर संदेह है। चिराग पासवान ने गोपाल खेमका हत्याकांड पर अपनी ही सरकार पर सवाल उठाए थे और कहा था कि बिहार में सुशासन की सरकार है और राजधानी पटना में ऐसी हत्याएं हो रही हैं तो गांव देहात में क्या हो रहा है।
कांग्रेस ने उनके इस दावे को लेकर एनडीए गठबंधन में फूट की भविष्यवाणी कर दी। कांग्रेस के इस दावे के जवाब में भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेता शहनवाज हुसैन ने कहा कि चिराग पासवान भारतीय जनता पार्टी के साथ हैं। उन्होंने कहा, 'चिराग पासवान भारतीय जनता पार्टी के मजबूत सहयोगी हैं। वह केंद्रीय मंत्री हैं, हमने साथ चुनाव लड़ा है। यही वजह है कि 40 लोकसभा सीटों में से 30 सीटों पर हमने जीत हासिल की। अब हम गठबंधन के सहयोगी धर्म में 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं। सीट बंटवारा अलग बात है लेकिन हम बिहार की 243 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं। हम साथ लड़ेंगे, 200 सीटें जीतेंगे।'
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चिराग पासवान को मौसम वैज्ञानिक बता रही कांग्रेस
बीजेपी के इस दावे पर कांग्रेस को ऐतराज है। कांग्रेस का कहना है कि चिराग पासवान मौसम वैज्ञानिक हैं, वह अपने पिता की तरह राजनीति करेंगे और हार देखकर गठबंधन धर्म से बाहर निकल जाएंगे। राष्ट्रीय जनता दल की अगुवाई वाले महागठबंधन की कांग्रेस अहम पार्टी है। कांग्रेस का कहना है चिराग पासवान का 243 सीटों पर लड़ने का ऐलान, बीजेपी के लिए सही संकेत नहीं है।
कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा, 'चिराग पासवान केंद्रीय मंत्री हैं। जो उन्होंने कहा है कि वह एनडीए के लिए सही संकेत नहीं है। एक तरफ वे कह रहे हैं कि बिहार विधानसभा चुनाव वे साथ लड़ेंगे। दूसरी तरफ वह कह रहे हैं कि 243 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। मुझे लगता है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में बीजेपी बिहार से साफ हो जाएगी, कई मौसम वैज्ञानिक एनडीए छोड़ देंगे।'
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क्यों लग रहे हैं ऐसे आरोप?
प्रमोद तिवारी का इशारा राम विलास पासवान की ओर था। वह अब इस दुनिया में नहीं है। सरकार किसी भी हो, वह हमेशा केंद्रीय मंत्री बने रहे। वह मनमोहन सिंह सरकार में भी मंत्री रहे, बीजेपी सरकार में भी मंत्री रहे। उनके आलोचक कहते रहे हैं कि वह सरकार का रुख भांप लेते थे और उसी गठबंधन के साथ हो जाते हैं। अब कांग्रेस चिराग पासवान पर भी यही आरोप लगा रही है।
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बिहार में कैसा है चिराग पासवान का दमखम?
चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) ने साल 2024 के लोकसभा चुनाव में 5 सीटें हासिल की थीं। एनडीए को 30 सीटों पर जीत मिली थी। बिहार में चिराग पासवान की पार्टी का वोट शेयर बढ़कर 6.5 प्रतिशत तक पहुंच गया था। साल 2020 के विधानसभा चुनाव में एलजेपी ने स्वतंत्र उम्मीदवार उतारे थे। केवल एक सीट पर जीत मिली ती। वह नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन से अलग हो गए थे। उन्होंने बीजेपी के खिलाफ कोई भी उम्मीदवार नहीं उतारे थे। कुल 137 सीटों पर उन्होंने अपने उम्मीदवार उतारे थे। चिराग पासवान के चुनावी मैदान में उतरने की वजह से नीतीश कुमार को बड़ा नुकसान हुआ। करीब 29 सीटों पर चिराग पासवान की पार्टी ने शानदार प्रदर्शन किया। नतीजा यह हुआ कि बीजेपी ने 74 सीटें जीत लीं और जेडीयू 43 सीटों के साथ तीसरे नंबर पर पहुंच गई। पहले नंबर पर तेजस्वी यादव की पार्टी आरेजेडी रही।