शनिवार (16 अगस्त) को पूरे देश में जन्माष्टमी का त्यौहार बड़े ही उल्लास के साथ मनाया गया। मगर, इसी दिन कुछ जगहों से दही हांडी उत्सव के दौरान कुछ दर्दनाक खबरें भी सामने आई हैं। महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई और उसके पड़ोसी जिले ठाणे में दही हांडी उत्सव के दौरान दो लोगों की मौत हो गई। इन हादसों में 300 से अधिक लोग घायल भी हुए हैं। नगर निगम के अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी है।
अधिकारियों के मुताबिक, मुंबई में घायल हुए 318 लोगों में से केवल 24 को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घायलों में 9 साल का एक नाबालिग भी शामिल है, जबकि बाकी लोगों को शनिवार को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई। भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के मौके में मनाए जाने वाले इस उत्सव में युवक-युवतियों की टोलियां मानव पिरामिड बनाकर रस्सियों से हवा में लटकी दही हांडी को तोड़ती नजर आईं।
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9 साल के बच्चे की हालत गंभीर
अधिकारियों के अनुसार, मुंबई शहर में दही हांडी उत्सव के दौरान सबसे ज्यादा 135 लोग घायल हुए इसके बाद पश्चिमी और पूर्वी उपनगरों में क्रमशः 111 और 72 लोग घायल हुए। उन्होंने बताया कि घायलों में से 9 साल के एक लड़के सहित दो लोगों की हालत गंभीर है।
तानाजी नगर निवासी आर्यन यादव नाम का यह लड़का एक चॉल में जश्न के दौरान घायल हो गया था। बच्चे का कांदिवली के एक सरकारी अस्पताल में इलाज चल रहा है, जबकि श्रेयस चालके (23) को सरकारी जीटी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मृतकों में 32 साल का जगमोहन शिवकिरण चौधरी नाम का एक व्यक्ति शामिल है, जो ठाणे के उत्तरपूर्वी हिस्से के मानखुर्द में दही हांडी बांधते समय गिरकर मर गया।
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14 साल के नाबालिग की मौत
इसके अलावा शनिवार रात घाटकोपर के एक अस्पताल में 14 साल के एक नाबालिग लड़के को मृत घोषित कर दिया गया। एक अधिकारी ने कहा, 'जगमोहन चौधरी महाराष्ट्र नगर स्थित अपने घर की पहली मंजिल की खिड़की की ग्रिल से रस्सी से हांडी बांध रहे थे, तभी वे गिर पड़े। उन्हें नगर निगम द्वारा संचालित शताब्दी गोवंडी अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।'
ठाणे में 22 लोग घायल
गांवदेवी गोविंदा पथक में शामिल रोहन मोहन मालवी अंधेरी इलाके के आदर्श नगर में एक टेम्पो में बैठे-बैठे बेहोश हो गया। हाल ही में पीलिया होने के कारण उसने पिरामिड निर्माण में भाग नहीं लिया। स्थानीय नगर निकाय के आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के प्रमुख यासीन तड़वी ने बताया कि ठाणे शहर में मानव पिरामिड बनाने की कोशिश करते समय 22 लोग घायल हो गए। उन्होंने बताया कि इनमें से 17 लोगों को कलवा स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें से कुछ को सिर में चोट, कंधे, कमर और छाती में चोटें आई हैं।