दिल्ली के पुलिस कमिश्नर की नियुक्ति को लेकर कई दिनों से अटकलों का बाजार गर्म था। आज दिल्ली के नए पुलिस कमिश्नर के नाम पर मुहर लग गई है। 1988 बैच के सीनियर आईपीएस अधिकारी एसबीके सिंह को दिल्ली पुलिस का नया पुलिस कमिश्नर चुना गया है। वह पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा की जगह यह जिम्मेदारी संभालेंगे। केंद्रीय गृह मंत्रायल ने उनकी नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। बता दें कि एसबीके सिंह अभी होमगार्ड के महानिदेशक हैं और अब उन्हें दिल्ली पुलिस कमिश्नर का एडिशनल चार्ज मिला है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय की मंजूरी के बाद जारी आदेश में कहा गया है, 'होमगार्ड के महानिदेशक का चार्ज संभाल रहे एसबीके सिंह को दिल्ली के पुलिस कमिश्नर का एडिशनल चार्ज दिया गया है। वह 1 अगस्त 2025 से अगले आदेश तक दिल्ली के पुलिस कमिश्नर की जिम्मेदारी संभालेंगे। एसबीके सिंह छह महीने बाद रिटायर होने वाले हैं।'
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कौन हैं एसबीके सिंह?
एसबीके सिंह 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। इससे पहले वह मिजोरम के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी), डीजीपी अरुणाचल प्रदेश के साथ-साथ पुलिस की अलग-अलग ब्रांच में विशेष पुलिस आयुक्त के रूप में काम कर चुके हैं। वह अपने बैच के सबसे युवा आईपीएस अधिकारी थे। इस समय वह दिल्ली होम गार्ड के डीजी यानी महानिदेशक के रूप में काम कर रहे हैं। उनकी साफ और अनुशासित छवि के कारण ही उन्हें यह जिम्मेदारी दी गई है।
दिल्ली के पुलिस कमिश्नर की जिम्मेदारी संभालना उनके लिए चुनौतीपूर्ण होगा। दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने लंबे अनुभव और अनुशासन के मजबूत रिकॉर्ड को देखते हुए एसबीके सिंह को यह जिम्मेदारी सौंपी है। वह जनवरी 2026 में रिटायर हो जाएंगे। फिलहाल वह दोनों पदों की जिम्मेदारी संभालेंगे।
रिटायर हुए संजय अरोड़ा
आज यानी 31 जुलाई को संजय अरोड़ा रिटायर हुए हैं। वह तमिलनाडु काडर के आईपीएस अधिकारी थे। उनकी रिटायरमेंट के दिन ही अगले पुलिस कमिश्नर के नाम की घोषणा की गई है। उन्होंने 1 अगस्त, 2022 को राकेश अस्थाना के रिटायर होने पर दिल्ली के पुलिस कमिश्नर की जिम्मेदारी संभाली थी।
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संजय अरोड़ा का दो साल का कार्यकाल संगठित अपराध के खिलाफ मुहिम और रिकॉर्ड ड्रग्स बरामदगी के लिए याद किया जाएगा। उनकी छवि बिना सुर्खियों में रहे काम करने वाले अधिकारी की रही है। उनके कार्यकाल के दौरान, राजधानी में गैंगवार, जबरन वसूली की धमकियां, साइबर फ्रॉड, बम धमकी की घटनाएं, रोहिणी में दो विस्फोट, राजनीतिक नेताओं की गिरफ्तारी और श्रद्धा वाकर हत्याकांड जैसे मामले देखने को मिले।