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पुणे: शिवाजी का अपमान या पुजारी का? यवत में हिंसा भड़कने की पूरी कहानी

पुणे में दो समुदायों के बीच हिंसा भड़की और कई संपत्तियां राख हो गईं। अब स्थिति नियंत्रण में है। घटनास्थल पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात हैं।

Pune Violence

पुणे में हिंसा के लिए उमड़ी भीड़। (Photo Credit: Social Media)

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महाराष्ट्र के पुणे जिले के यवत गांव में दो समुदायों के बीच शुक्रवार को हिंसा भड़क गई। दोनों समुदायों की झड़प में कई संपत्तियों को नुकसान पहुंचा है। छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा को लेकर जारी तनाव का हिंसक अंजाम हुआ है। गुस्साई भीड़ ने पूरे इलाके में आगजनी की है। दौंड तहसील के इस इलाके में अब बड़ी संख्या में पुलिस बलों को तैनात किया गया है। इसी गांव के रहने वाले एक शख्स ने सोशल मीडिया पर एक आपत्तिजनक पोस्ट अपलोड की थी, जिसके बाद नाराज भीड़ हिंसक हो गई।

पुलिस ने इस केस में अब तक इस मामले में 5 केस दर्ज किया है, जिसमें 400 से ज्यादा लोगों के नाम शामिल हैं। 17 लोगों को हिरासत में लिया गया है। इन लोगों पर आरोप है कि ये तोड़फोड़ में शामिल रहे हैं। पुणे पुलिस अधिकारियों के मुताबिक भीड़ ने एक बाइक में आग लगा दी, वहीं एक बेकरी में जमकर तोड़ की। तोड़-फोड़ के बाद भीड़ ने बेकरी में आग लगा दी। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। 

पहले से गांव में चल रही थी रंजिश

पुणे ग्रामीण के पुलिस अधीक्षक संदीप सिंह गिल ने बताया कि आपत्तिजनक पोस्ट डालने वाला युवक गांव का मूल निवासी नहीं है। पुलिस ने उसे हिरासत में लिया है। उन्होंने कहा, 'पोस्ट वायरल होने के बाद गांव में पहले से मौजूद तनाव की वजह से तनाव और बढ़ गया।'भीड़ ने एक समुदाय विशेष के लोगों की संपत्तियों में तोड़फोड़ की।

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शिवाजी की प्रतिमा को लेकर जारी था तनाव

यवत पुलिस स्टेशन के मुताबिक 26 जुलाई को छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को कथित तौर पर अपवित्र करने की घटना से गांव में पहले से तनाव था। उस घटना के आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया था। गुरुवार को आयोजित हिंदू जन आक्रोश मोर्चा भी शांतिपूर्वक संपन्न हुआ था। लेकिन इस नई पोस्ट ने फिर से तनाव भड़का दिया।'

भीड़ ने दुकानों और गाड़ियों को बनाया निशाना

पुणे पुलिस के मुताबिक भीड़ ने सड़कों पर उतरकर बाहरी समुदाय के अस्थाई धार्मिक ढांचों, घरों, दुकानों और वाहनों को निशाना बनाया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा। आपत्तिजनक पोस्ट डालने वाले युवक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। तोड़फोड़ की भी जांच की जा रही है। 

 

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पुजारी के खिलाफ पोस्ट पर भड़का बवाल

हिंसा पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी संज्ञान लिया है। वह पुणे में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए थे। उन्होंने कहा, 'एक बाहरी युवक ने एक हिंदू पुजारी के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट डाली थी, जिससे स्थानीय लोग नाराज हो गए। पुलिस को भीड़ पर काबू पाने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा। अब यवत में स्थिति नियंत्रण में है और शांति बहाल हो गई है। दोनों समुदाय के लोग एक साथ हैं और तनाव कम करने के प्रयास जारी हैं। ऐसी पोस्ट डालकर तनाव पैदा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।'

अब कैसे हैं हालात?

पुणे प्रशासन ने इलाके में कर्फ्यू लगाया है। उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने घटनास्थल का दौरा किया है। उन्होंने कहा है कि आपत्तिजनक पोस्ट डालने वाला युवक नांदेड़ का रहने वाला एक दिहाड़ी मजदूर है। उन्होंने कहा, 'उसने मध्य प्रदेश की एक घटना से संबंधित आपत्तिजनक पोस्ट डाली थी, जिससे स्थानीय लोग भड़क गए। अब स्थिति नियंत्रण में है और पुलिस सतर्कता बरत रही है। किसी को भी अफवाहें या गलत जानकारी नहीं फैलानी चाहिए।' यवत गांव में बड़ी संख्या में लोग तैनात हैं।


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