उत्तराखंड सरकार ने बहरूपियों की गिरफ्तारी के लिए ऑपरेशन कालनेमि की शुरुआत की थी। इस ऑपरेशन में अपनी असली पहचान छिपाकर लोगों से ठगी, धोखाधड़ी तथा धर्मांतरण जैसे अपराध करने वालों की गिरफ्तारी की जा रही है। उत्तराखंड पुलिस ने जानकारी दी है कि इस ऑपरेशन के तहत पुलिस ने कुल 5500 लोगों की जांच की है और इनमें से 14 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। साथ ही 1182 लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की गई है। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए 14 लोगों में से एक बांग्लादेशी भी है।
इन आंकड़ों को जारी करते हुए आईजी लॉ एंड आर्डर नीलेश आनंद भरणे ने कहा कि ऑपरेशन कालनेमि लगातार जारी रहेगा। उन्होंने कहा, 'जनता की सुरक्षा तथा राज्य के मूल स्वरूप को सुरक्षित रखने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर जुलाई में शुरू किए गए, इस अभियान को बड़ी सफलता हासिल हुई है।' उन्होंने यह भी बताया कि यह ऑपरेशन आगे भी जारी रहेगा।
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संदिग्धों की हो रही जांच
आईजी लॉ एंड आर्डर नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि इस ऑपरेशन के तहत संदिग्धों की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा, 'इस अभियान के दौरान बड़ी संख्या में संदिग्ध व्यक्तियों के दस्तावेजों की जांच की गई, ठगी से जुड़े मामलों का पर्दाफाश किया गया और शरारती तत्वों पर अंकुश लगाया गया। इस ऑपरेशन के तहत अब तक सबसे ज्यादा मामले हरिद्वार जिले में सामने आए हैं।'
हरिद्वार में 2704 लोगों का वेरिफिकेशन किया गया है और उनमें से तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। देहरादून जिले में 922 व्यक्तियों की जांच हुई, जिनमें से पांच को गिरफ्तार कर लिया गया। अधिकारी ने बताया कि इस ऑपरेशन के तहत टिहरी, पौड़ी, अल्मोड़ा, नैनीताल और अन्य जिलों में भी पुलिस कार्रवाई कर रही है। आनंद भरणे ने कहा, 'देवभूमि की पवित्र छवि को बनाए रखने के लिए पुलिस की ओर से शुरू किया गया यह अभियान आगे भी जारी रहेगा।'
एक बांग्लादेशी भी गिरफ्तार
इस ऑपरेशन में जिन 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनमें एक बांग्लादेशी नागरिक भी है। नीलेश आनंद भरणे ने कहा, 'अभियान के दौरान सेलाकुई में अपनी असली पहचान छिपाकर बंगाली डॉक्टर अमित कुमार के रूप में रह रहे एक बांग्लादेशी नागरिक चयन अधिकारी को गिरफ्तार किया गया।' वह अपनी पहचान छिपा कर फर्जी दस्तावेजों के सहारे पिछले आठ सालों से सेलाकुई में रह रहा था। सेलाकुई से ही कश्मीर के अनंतनाग के रहने वाले इफराज अहमद लोलू को भी हिरासत में लिया गया है। उस पर आरोप है कि वह अपना धर्म छिपाकर लड़कियों को प्रेम जाल में फंसा रहा था। पुलिस ने बताया कि इफराज अपना नाम राज आहूजा बताता था और खुद को दिल्ली का एक बहुत अमीर व्यक्ति बताता था।
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10 जुलाई से शुरू हुआ था ऑपरेशन
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 10 जुलाई 2025 को इस ऑपरेशन की घोषणा की थी। इसका उद्देश्य फर्जी बाबाओं को पकड़ना था जो चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों का शोषण कर रहे थे। इस ऑपरेशन का नाम रामायण के एक राक्षस कालनेमि के नाम पर रखा गया है। वह छलकपट से लक्ष्मण पर हमला करने वाला था। यह अभियान देवभूमि उत्तराखंड की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को बचाने के लिए शुरू किया गया है। धार्मिक यात्राओं के दौरान पुलिस सतर्कता से जांच कर रही है।