बिहार के भागलपुर जिले की मतदाता सूची में दो पाकिस्तानी महिलाओं के नाम मिले हैं। मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के दौरान यह बड़ी अनियमितता सामने आई है। गृह मंत्रालय ने वीजा खत्म होने के बाद भी भारत में ठहरे विदेश नागरिकों की जांच की तो मामले का खुलासा हुआ। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक दोनों महिलाओं के पास मतदाता पहचान पत्र और आधार कार्ड हैं।
मतदाता सूची में शामिल दोनों महिलाओं के नाम इमराना खानम उर्फ इमराना खातून और फिरदौसिया खानम है। दोनों इशाकचक थाना अंतर्गत भीखनपुर मोहल्ले में गुमटी नंबर 3 में रहती हैं। मामले के प्रकाश में आने के बाद भारत निर्वाचन आयोग और गृह मंत्रालय ने नाम हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
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भागलपुर में ही दोनों ने किया निकाह
अधिकारियों के मुताबिक जनवरी 1956 में फिरदौसिया तीन महीने के वीजा पर भारत पहुंची। उसी साल इमराना भी भारत आई। उनका वीजा तीन साल तक वैध था। मगर वीजा समाप्त होने के बाद दोनों महिलाएं पाकिस्तान नहीं लौटीं। भागलपुर में ही निकाह कर लिया। बाद में दोनों महिलाओं के मतदाता पहचान पत्र और आधार कार्ड भी बनवा लिए गए। 1 अगस्त को चुनाव आयोग ने बिहार की ड्रॉफ्ट वोटर लिस्ट जारी की तो मामले का खुलासा हुआ।
गृह मंत्रालय ने मांगी विस्तृत रिपोर्ट
गृह मंत्रालय और निर्वाचन आयोग ने भागलपुर के डीएम, एसएसपी और चुनाव अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। पूरे प्रकरण में भागलपुर के डीएम नवल किशोर चौधरी का कहना है कि दोनों पाकिस्तानी महिलाओं के नाम हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ईसीआई का फॉर्म-7 दाखिल किया गया है। मामले में आगे की पूछताछ की जा रही है।
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पूरे प्रकरण में बीएलओ ने क्या कहा?
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) फरजाना खानम ने कहा, 'वे बात करने की हालत में नहीं है। विभाग के आदेशानुसार फॉर्म भरकर नाम हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उनका पासपोर्ट 1956 का है। साल 1958 में उन्हें वीजा मिला था। वे पाकिस्तान से है। मुझे 11 अगस्त को गृह मंत्रालय से नोटिस मिला था।'
बिहार की वोटर लिस्ट पर उठ रहे सवाल
बिहार की वोटर लिस्ट में शामिल दोनों महिलाएं मूलरूप से पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के खुशाब जिले के रंगपुर गांव की रहने वाली हैं। दोनों महिलाओं ने पहले भी कई चुनावों में मतदान किया है। बता दें कि बिहार SIR का मामला राष्ट्रीय स्तर पर छाया है। सुप्रीम कोर्ट में भी इसकी सुनवाई हो रही है। विपक्षी दलों ने अनियमितता और जानबूझकर नाम काटने का आरोप लगाया है।