मैसूर में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के दौरे के दौरान एक दिलचस्प पल देखने को मिला है। जहां कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मंच से मुस्कुराते हुए राष्ट्रपति से पूछा, 'क्या आपको कन्नड़ आती है?' इस पर राष्ट्रपति ने भी मुस्कुराते हुए जवाब दिया कि उन्हें कन्नड़ नहीं आती। हालांकि, राष्ट्रपति ने कहा कि वह धीरे-धीरे इसे सीखने की कोशिश करेंगी। यह बातचीत ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ स्पीच एंड हियरिंग (AIISH) की हीरक जयंती समारोह के दौरान हुई थी।
इस मौके पर कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल, कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव और बीजेपी सांसद यदुवीर वाडियार भी मौजूद थे। राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में भाषाओं, परंपराओं और संस्कृति को संजोकर रखने पर जोर दिया और लोगों से अपील की कि वे अपनी भाषा और परंपरा को जीवित रखें।
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स्वागत में पहुंचे थे मुख्यमंत्री संग राज्यपाल
मैसूर हवाई अड्डे पर राष्ट्रपति मुर्मू का स्वागत करने के लिए कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पहुंचे थे। इस कार्यक्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल, कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडु राव और भाजपा सांसद और मैसूर शाही परिवार के उत्तराधिकारी यदुवीर वाडियार भी मौजूद थे।
कार्यक्रम में स्वागत भाषण की शुरुआत सिद्धारमैया ने कन्नड़ भाषा में की और फिर राष्ट्रपति की ओर देखकर मुस्कुराते हुए पूछा, 'क्या आपको कन्नड़ आती है?'
ऐसे में राष्ट्रपति मुर्मू ने जवाब दिया, 'कन्नड़ मेरी मातृभाषा नहीं है लेकिन मैं अपने देश की हर भाषा, संस्कृति और परंपरा का सम्मान करती हूं। मेरी इच्छा है कि हर कोई अपनी भाषा को जिंदा रखे, अपनी परंपराओं और संस्कृति को आगे बढ़ाए। मैं निश्चित रूप से थोड़ी-थोड़ी करके कन्नड़ सीखने का प्रयास करूंगी।'
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इससे पहले भाषा को लेकर हुआ था विवाद
यह बातचीत ऐसे समय पर हुई है जब कुछ महीने पहले मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा था, 'कर्नाटक में रहने वाले हर व्यक्ति को कन्नड़ बोलना सीखना चाहिए। हम सभी कन्नडिगा हैं, अलग-अलग भाषाएं बोलने वाले लोग यहां बस गए हैं लेकिन हर किसी को कन्नड़ बोलनी आनी चाहिए।' उनके इस बयान पर विपक्षी दलों ने विरोध जताया था। अपने पिछले कार्यकाल में भी सिद्धारमैया ने कन्नड़ भाषा को ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करने पर जोर दिया था।