जम्मू-कश्मीर में लगातार बारिश और मौसम की चेतावनी के कारण मंगलवार, 2 सितंबर 2025 को सभी सरकारी और निजी स्कूल बंद रहेंगे। जम्मू संभाग के स्कूल शिक्षा निदेशालय ने देर रात जारी एक आदेश में यह जानकारी दी। भारी बारिश से पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है, जिसके चलते यह फैसला लिया गया है।
आदेश में कहा गया, 'मौसम की चेतावनी और लगातार बारिश के कारण पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन हो रहा है। छात्रों और कर्मचारियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, जम्मू संभाग के सभी सरकारी और निजी स्कूल 2 सितंबर 2025 को बंद रहेंगे। जहां संभव हो, ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित की जाएं।'
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परीक्षाएं भी टलीं
जम्मू विश्वविद्यालय ने भी एक नोटिस जारी कर बताया कि 2, 3 और 4 सितंबर को होने वाली सभी परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं। नई तारीखों की घोषणा बाद में की जाएगी। क्षेत्रीय मौसम विभाग ने 2 और 3 सितंबर को जम्मू संभाग के अधिकांश हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश की भविष्यवाणी की है। मौसम विभाग के प्रवक्ता ने बताया, 'कठुआ, जम्मू, उधमपुर और रियासी में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है।
डोडा, सांबा, राजौरी, पूंछ, रामबन, किश्तवाड़, अनंतनाग और कुलगाम में मध्यम से भारी बारिश की संभावना है। यह बारिश 2 सितंबर की देर रात या 3 सितंबर की सुबह तक हो सकती है।'
भूस्खलन की चेतावनी
मौसम विभाग ने बादल फटने, अचानक बाढ़, भूस्खलन और ओले पड़ने की चेतावनी दी है। नदियों और नालों का जलस्तर बढ़ सकता है। लोगों को नदियों और भूस्खलन वाले क्षेत्रों से दूर रहने की सलाह दी गई है।
भारी बारिश के कारण सांबा जिले में जमीन धंसने से एक गांव में कई घर खतरे में हैं। सांबा-मानसर-उधमपुर सड़क पर स्थित जमोदा गांव में सड़कों और घरों में दरारें आ गई हैं। आठ घर पूरी तरह से ढहने की कगार पर हैं। प्रशासन ने प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।
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पहले भी हुआ नुकसान
14 अगस्त से अब तक किश्तवाड़, कठुआ, रियासी और रामबन जिलों में बादल फटने, भूस्खलन और अचानक बाढ़ के कारण 130 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। 120 लोग घायल हुए हैं और 33 लोग लापता हैं। 26-27 अगस्त को रिकॉर्ड बारिश ने जम्मू और आसपास के मैदानी इलाकों में बाढ़ ला दी, जिससे सार्वजनिक और निजी संपत्ति को भारी नुकसान हुआ। लोगों से सतर्क रहने और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की गई है।