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दिल्ली की CM खरीद सकेंगी 1.5 लाख का मोबाइल, BJP पर भड़क गई AAP

दिल्ली में सरकार ने मंत्रियों और सीएम के लिए फोन खरीदने की सीमा को बढ़ा दिया है। साथ ही उनके मोबाइल के महीने के खर्च को लेकर भी बदलाव किया गया है।

Rekha Gupta : Photo Credit: PTI

रेखा गुप्ता । Photo Credit: PTI

दिल्ली सरकार ने मंत्रियों और मुख्यमंत्री के लिए मोबाइल फोन की खरीद सीमा को लेकर बड़ा बदलाव किया है। नए आदेश के मुताबिक अब मुख्यमंत्री को 1,50,000 रुपये तक का मोबाइल खरीदने की अनुमति होगी, जबकि अन्य मंत्रियों को 1,25,000 रुपये तक का हैंडसेट खरीदने की छूट दी गई है। इसके अलावा, उनके मासिक कॉल खर्च का भी भार सरकार ही उठाएगी और इसके लिए कोई भी ऊपरी सीमा निर्धारित नहीं की गई है।

 

इस संबंध में जनरल एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट (GAD) की ओर से 9 जुलाई 2025 को जारी ऑफिस मेमोरेंडम के अनुसार, यह संशोधन पहले के 13 सितंबर 2013 को जारी सर्कुलर के स्थान पर किया गया है, जिसमें मोबाइल फोन की अधिकतम सीमा केवल 1,00000 रुपये निर्धारित थी।

 

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क्या हैं नए नियम?

  • मुख्यमंत्री: ₹1,50,000 तक का मोबाइल हैंडसेट, कॉल खर्च ‘As per actual’ यानी कि जो भी खर्च होगा।

  • मंत्री: ₹1,25,000 तक का मोबाइल, कॉल खर्च ‘As per actual’

  • कोई सिम कार्ड विभाग द्वारा प्रदान नहीं किया जाएगा।

  • नया मोबाइल कम-से-कम दो साल में एक बार ही बदला जा सकेगा।

  • यदि मरम्मत खर्च मोबाइल की कीमत के 50% से अधिक हो, तो केस-टू-केस आधार पर नया हैंडसेट स्वीकृत किया जा सकता है।

पहले कितनी थी सीमा?

पहले के नियमों के तहत मंत्रियों को प्रिंटर, लैपटॉप, पर्सनल कंप्यूटर या मोबाइल हैंडसेट इत्यादि खरीदने के लिए केवल 1,00000 रुपये तक की राशि के रीइम्बर्मेंट की व्यवस्था थी और इसे एक कार्यकाल में एक बार लिया जा सकता था जबकि अब दो सालों बाद ही बदला जा सकता है।

तुरंत होगा लागू

यह आदेश त्वरित प्रभाव से लागू हो गया है। वित्त विभाग ने भी इस प्रस्ताव पर सहमति दे दी है। आदेश के अनुसार, कोई भी नया मोबाइल केवल तब बदला जाएगा जब दो साल पूरे हो जाएं या मरम्मत का खर्च 50% से अधिक हो जाए।

 

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रद्द हुआ था बंगले के रिनोवेशन का टेंडर

दिल्ली में बीजेपी सरकार बनने के बाद से ही रेखा गुप्ता ने यह कहकर सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा था कि वह ‘शीशमहल’ में नहीं जाएंगी। उनका कहना था कि यह जनता के पैसे को गलत तरीके से प्रयोग करके बनाया गया है। इसके बाद उनके बंगले के रिनोवेशन के लिए डाले गए 60 लाख के टेंडर को रद्द कर दिया गया था। इसको लेकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने भी बीजेपी पर खूब तंज कसा था। किसी ने इसे रंग महल तो किसी ने माया महल बताया था और फिजूलखर्ची का आरोप भी लगाया था.

 

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