logo

ट्रेंडिंग:

बिहार पुलिस नहीं चला रही ऑपरेशन लंगड़ा, ADG बोले- 64 अपराधी गिरफ्तार

बिहार पुलिस ऑपरेशन लंगड़ा नहीं चला रही है। एडीजी कुंदन कृष्णन यह प्रेसवार्ता में यह बात स्पष्ट की है। उन्होंने बताया कि एसटीएफ ने विभिन्न राज्यों से कुल 64 अपराधियों को पकड़ा है।

Bihar Police.

सांकेतिक फोटो। ( AI Generated Image)

बिहार में वारदात करके दूसरे राज्यों में शरण लेने वाले अपराधियों की अब खैर नहीं है। बिहार की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने इसी साल जनवरी से 20 अगस्त तक 64 अपराधियों को अलग-अलग राज्यों से गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार अपराधियों में कुख्यात और इनामी बदमाश शामिल हैं यह जानकारी एडीजी (अभियान) सह एडीजी (मुख्यालय) कुंदन कृष्णन ने शुक्रवार को पुलिस मुख्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान दी। एडीजी ने स्पष्ट किया है कि बिहार पुलिस ऑपरेशन लंगड़ा नाम से कोई अभियान नहीं चला रही है।

 

उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा 14 अपराधियों को दिल्ली से दबोचा गया है। इसके बाद पश्चिम बंगाल से 9, उत्तर प्रदेश से 7, गुजरात से 7, झारखंड से 6, हरियाणा से 5, महाराष्ट्र से 4, मध्य प्रदेश से 4, हिमाचल प्रदेश से 2, पंजाब से 2 और राजस्थान, गोवा, ओडिशा, उत्तराखंड, कर्नाटक, जम्मू-कश्मीर और मणिपुर से 1-1 अपराधी को गिरफ्तार किया गया है।

 

यह भी पढ़ें: बिजनौर में बर्तनों में पेशाब करते कैमरे में कैद हुई नौकरानी, गिरफ्तार

इस साल बिहार में 23 मुठभेड़

एडीजी कृष्णन ने कहा कि राज्य में नक्सली हिंसा में काफी कमी आने के बाद से एसटीएफ को संगठित अपराध और इससे जुड़े अपराधियों का समूल नाश करने में लगा दिया गया है। बिहार के अंदर पनप रहे सभी तरह के संगठित अपराधों को खत्म करने में एसटीएफ की भूमिका बेहद अहम है। उसकी उपलब्धि की फेहरिस्त लंबी होती जा रही है। पिछले साल अपराधियों से मुठभेड़ के आठ मामले सामने आए थे। इस वर्ष इनकी संख्या बढ़कर 23 हो गई है। 

बिहार भर में 101 नक्सली गिरफ्तार

एडीजी कृष्णन के मुताबिक 2024 में 752 अपराधियों को दबोचा गया था, लेकिन इस वर्ष अब तक 857 अपराधियों को पकड़ा गया है। अगर नक्सलियों की बात करें तो पिछले साल 44 और इस वर्ष 101 नक्सलियों को गिरफ्तार करने में कामयाबी मिली है। 2024 में 3681 और इस वर्ष 12 हजार से अधिक कारतूस बरामद किए गए हैं। पिछले साल 19 तो इस वर्ष 32 असलहे भी मिले हैं।

 

इन इनामी बदमाशों को पुलिस ने दबोचा

एडीजी के मुताबिक एसटीएफ ने 18 अगस्त को 2 लाख रुपये के इनामी अपराधी बुटन चौधरी को महाराष्ट्र के उदवंतनगर से पकड़ा। 5 अप्रैल को दिल्ली पुलिस के साथ संयुक्त अभियान में पहाड़गंज से अंतरराज्यीय सोना लुटेरा सुबोध सिंह, 2 लाख रुपये के इनामी विकास कुमार उर्फ जॉन राइट को पकड़ने में कामयाबी मिली। 28 मार्च को औरंगाबाद जिले के रहने वाले एक लाख रुपये के इनामी नक्सली राजेश यादव को महाराष्ट्र के रायगढ़ से गिरफ्तार किया गया। 8 फरवरी को 50 हजार रुपये के इनामी मनीष को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। 

 

कई जवानों ने शहादत भी दी 

बिहार के बाहर अपराधियों को पकड़ने के अभियान में एसटीएफ के कई जवानों ने शहादत भी दी। इसमें दारोगा मुकुंद मुरारी, जेसी विकास कुमार, जेसी जीवधारी कुमार, दारोगा संतोष कुमार और मिथिलेस पासवान का नाम शामिल है। यह टीम सरकारी वाहन से एक अपराधी को पकड़ने गुजरात के सूरत पहुंची थी। मगर यहां राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक हादसे में सभी की जान चली गई।

एनआईए भी कर रही मामले की जांच

एडीजी कुंदन कृष्णन ने जानकारी दी कि अवैध हथियार और कारतूस की खरीद-बिक्री मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) भी अपने स्तर पर कर रही है। इससे अपराधियों को मिलने वाली गोलियों की सप्लाई चेन को तोड़ने में मदद मिलेगी। बता दें कि कुछ दिन पहले हाजीपुर समेत 7 स्थानों पर एनआईए ने दबिश दी थी। एडीजी ने यह भी बताया कि दानापुर से आरजेडी विधायक रीतलाल यादव के भाई की अवैध संपत्ति को जब्त करने का प्रस्ताव ईओयू को भेजा गया। यहां से इसे ईडी के पास भेजा जाएगा।

 

यह भी पढ़ें: 'वह हट गया' बोले थे तेजस्वी, PM मोदी की रैली में दिखे प्रकाश वीर

पुलिस नहीं चला रही ऑपरेशन लंगड़ा

एडीजी कुंदन कृष्णन ने साफ किया है कि पुलिस ऑपरेशन लंगड़ा नहीं चला रही है। पुलिस और एसटीएफ का फोकस अपराधियों को गिरफ्तार करने पर होता है। अगर कोई बदमाश पुलिस टीम पर फायरिंग करता है तो पुलिस जवाबी फायरिंग करती है। 

 

 

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap