विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा दांव खेला है। उन्होंने सोमवार को राज्य में आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं को लेकर अहम फैसला लेते हुए उनका मानदेय बढ़ा दिया। सीएम नीतीश ने खुद 'एक्स' पर इसकी घोषणा की। उन्होंने अपने पोस्ट में कहा कि राज्य में बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं के पोषण एवं जीवन स्तर में सुधार करने में आंगनबाड़ी सेविकाओं एवं सहायिकाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है।
सीएम ने लिखा, 'आंगनबाड़ी सेविकाओं का मानदेय 7,000 रुपये से बढ़ाकर 9,000 रुपये और आंगनबाड़ी सहायिकाओं का मानदेय 4,000 रुपये से बढ़ाकर 4,500 रुपये कर दिया गया है।' मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने इस संबंध में विभाग को जरूरी दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।
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क्यों बढ़ाया मानदेय?
उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं की अहम भूमिका को देखते हुए उन्हें सम्मान देते हुए मानदेय में बढ़ोतरी की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले का फायदा राज्य के 1.14 लाख आंगनबाड़ी सेविकाओं-सहायिकाओं को मिलेगा।
बड़े पैमाने पर किया काम
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि नवंबर 2005 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार बनने के बाद से ही गर्भवती महिलाओं और बच्चों के पोषण व स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए बड़े पैमाने पर काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन उपायों के क्रियान्वयन में आंगनबाड़ी केंद्रों की भूमिका को सरकार ने सराहा है।
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पिछले साल भी बढ़ा था मानदेय
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि मानदेय में बढ़ोतरी के फैसले से आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं का मनोबल और ऊंचा होगा तथा एक साथ बाल विकास सेवाएं और प्रभावी ढंग से लागू की जा सकेंगी। बता दें कि राज्य में 1.20 लाख से ज्यादा आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका हैं जिन्हें मानदेय में इस बढ़ोतरी से फायदा होगा।
बता दें कि पिछले साल भी बिहार सरकार ने आंगनबाड़ी सेविकाओं के मानदेय में बढ़ोतरी की थी। पिछले साल की गई बढ़ोतरी के संबंध में बताया गया कि आंगनबाड़ी सेविकाओं को उस समय उन्हें 5950 रुपए मिलता था जिसे बढ़ाकर सात हजार रुपए किया गया था।