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'हाथों में छात्रों का खून...', CM स्टालिन पर विपक्ष ने लगाए गंभीर आरोप

शुक्रवार को 21 साल की देवदर्शिनी नाम की नीट उम्मीदवार ने परीक्षा के डर से चेन्नई में अपने घर पर आत्महत्या कर ली थी। इस मामले के बाद तमिलनाडु में राजनीतिक विवाद हो गया है।

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एमके स्टालिन। Photo Credit- PTI

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AIADMK प्रमुख एडप्पादी के पलानीस्वामी ने तमिलनाडु की डीएमके सरकार के ऊपर रविवार को जोरदार हमला बोला। दरअसल, तमिलनाडु में 21 साल के नीट अभ्यार्थी ने आत्महत्या कर ली है, जिसके बाद मामले ने राजनीतिक विवाद का रूप ले लिया है। पलानीस्वामी ने स्टालिन सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए सवाल किया कि क्या मेडिकल अभ्यार्थियों की बढ़ती मौतें डीएमके नेताओं की अंतरात्मा को नहीं झकझोरती हैं?

 

पलानीस्वामी यहीं नहीं रूके, उन्होंने राज्य में नीट अभ्यार्थियों की मौतों को लेकर मुख्यमंत्री एमके स्टालिन पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इन अभ्यार्थियों का खून सत्तारूढ़ डीएमके के हाथों में लगा हुआ है। तमिलनाडु विधानसभा में विपक्ष के नेता ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर डीएमके को नीट शुरू करने के लिए दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि जब नीट लाया गया तब 2014 से पहले डीएमके की सहयोगी कांग्रेस केंद्र की सत्तता में थी।

 

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डीएमके ने देश में नीट परीक्षा शुरू की थी- पलानीस्वामी

 

पलानीस्वामी ने कहा, 'न केवल डीएमके ने देश में नीट परीक्षा शुरू की थी, बल्कि गठबंधन में कांग्रेस के साथ मिलकर इसके खिलाफ बहस करने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक गई। इससे तमिलनाडु के छात्रों के मेडिकल की पढ़ाई करने के सपनों को नष्ट करने की नींव रखी गई, डीएमके ने यह कहकर झूठ बोला और धोखा दिया कि 'अगर डीएमके सत्ता में आती है, तो तमिलनाडु में नीट परीक्षा नहीं होगी'। नीट में लगातार हो रही मौतें डीएमके के लिए चिंता का विषय नहीं हैं।'

 

तीन प्रयास में असफल रही थी देवदर्शिनी

 

बता दें कि शुक्रवार को 21 साल की देवदर्शिनी नाम की नीट उम्मीदवार ने परीक्षा के डर से चेन्नई में अपने घर पर आत्महत्या कर ली थी। देवदर्शिनी ने तीन बार नीट की परीक्षा दी थी, लेकिन वह तीनों की प्रयास में असफल रही थी। साथ ही वह मई में होने वाली नीट परीक्षा के लिए अपने चौथे प्रयास की तैयारी कर रही थी। 

 

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असफलता से निराश थी छात्रा

 

पुलिस के मुताबिक, देवदर्शिनी ने गुरुवार को नीट की कोचिंग क्लास से घर लौटने के बाद अपने पिता से बात की। उसने पिता से बार-बार नीट परीक्षा में असफल होने, समय की बर्बादी और परिवार पर पैसों के बन रहे दबाव के बारे में चिंता जताई थी। उसके पिता ने उसे सांत्वना दी और उसे अपनी पढ़ाई पर ध्यान लगाने के लिए कहा।

 

छात्रा देवदर्शिनी ने घर लौटने के बाद साड़ी से गले में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। देवदर्शिनी के माता-पिता ने घटना की सूचना पुलिस को दी। अब पुलिस मामले की जांच जारी कर रही है।


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