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साल 2025 में कब लगेगा चंद्र ग्रहण? जानिए तिथि और आध्यात्मिक महत्व

ज्योतिष शास्त्र में चंद्र ग्रहण को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। आइए जानते हैं वर्ष 2025 में कब-कब लगेगा चंद्र ग्रहण?

Image of Chandra Grahan

चंद्र ग्रहण की प्रतीकात्मक तस्वीर। (Pic Credit: Canva)

खगोल विज्ञान में ग्रहण को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। बता दें प्रत्येक साल में 4 ग्रहण लगते हैं, जिनमें 2 सूर्य ग्रहण और 2 चंद्र ग्रहण शामिल हैं। इन सभी ग्रहण को ज्योतिष और आध्यात्मिक दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। बता दें कि प्रत्येक वर्ष पूर्णिमा तिथि पर रात्रि के समय चंद्र ग्रहण लगता है, जो कभी आंशिक या पूर्ण होता है।

 

खगोल विज्ञान के अनुसार, चंद्र ग्रहण तब लगता है जब सूर्य व चंद्रमा के बीच में  पृथ्वी आती है और अपनी छाया चंद्रमा पर डालती है। यह घटना हर साल 2 बार पूर्णिमा की रात घटित होती है, जब तीनों ग्रह एक सीध में होते हैं।

वर्ष 2025 में चंद्र ग्रहण की तिथि

वैदिक पंचांग के अनुसार, वर्ष का पहला चंद्र ग्रहण फाल्गुन महीने की पूर्णिमा तिथि के दिन लगेगा, जो इस वर्ष 14 मार्च के दिन है। खास बात यह है कि इसी दिन होली का त्योहार भी मनाया जाएगा। बता दें कि यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, जिस वजह से यहां सूतक काल के नियम लागु नहीं होंगे। केवल ग्रहण के दिखाई देने पर सूतक काल लगता है।

 

क्या भारत में दिखाई देगा सूर्य ग्रहण 2025? जानिए तिथि और कारण

 

पंचांग में यह भी बताया गया है कि साल का दूसरा चंद्र ग्रहण भाद्रपद मास के पूर्णिमा तिथि के दिन लगेगा। वर्ष 2025 में यह तिथि 07 सितंबर के दिन पड़ रही है और इसी दिन चंद्र ग्रहण लगेगा। बता दें कि इस चंद्र ग्रहण का प्रभाव भी भारत पर नहीं पड़ेगा और सूतक काल मान्य नहीं होगा।

चंद्र ग्रहण का आध्यात्मिक और ज्योतिष महत्व

चंद्र ग्रहण को ज्योतिष और आध्यात्मिक दृष्टि से विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चंद्र ग्रहण तब होता है जब राहु या केतु चंद्रमा को अपनी छाया में ले लेते हैं। ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को मन, भावना और मानसिक स्थिरता का प्रतीक माना जाता है और इसके अनुसार, ग्रहण के दौरान मानसिक तनाव बढ़ सकता है और मन में बेचैनी आ सकती है।

 

वहीं आध्यात्मिक दृष्टि से चंद्र ग्रहण को विशेष महत्व प्राप्त है। कहा जाता है कि चंद्र ग्रहण के दौरान पूजा-पाठ नहीं करना चाहिए और न ही भोजन या जल इत्यादि का सेवन करना चाहिए। ग्रहण की अवधि में ध्यान और आत्मनिरीक्षण करना चाहिए। मंत्र जाप, साधना इत्यादि करने से भी विशेष लाभ प्राप्त होता है।

 

Disclaimer- यहां दी गई सभी जानकारियां सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं। Khabargaon इसकी पुष्टि नहीं करता।

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