अयोध्या में राम मंदिर के निचले तल का निर्माण जनवरी 2024 में पूरा हो गया था और प्राण प्रतिष्ठा हो गई थी। इस मंदिर के परिसर में कई दूसरे मंदिर और इमारतें भी बननी थी जिनका निर्माण अभी भी चल रहा है और यह कार्य अब अपने अंतिम दौर में है। हाल ही में बताया गया था कि मंदिर निर्माण का कार्य जून में पूरा हो जाएगा। राम मंदिर के बारे में शुरुआत में ही फैसला हुआ था कि मंदिर के दूसरे तल पर राम दरबार स्थापित किया जाएगा। अब इसकी भी तारीख सामने आ गई है और बताया गया है कि राम दरबार प्रतिमा मंदिर के पहले तल में 23 मई को स्थापित की जाएगी।
राम मंदिर भवन निर्माण समिति की तीन दिन चलने वाली मीटिंग शुरू हो गई है। इस मीटिंग में कई अहम फैसले लिए जाने हैं। इस समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने मीडिया से बातचीत में बताया कि राम मंदिर के पहले फ्लोर पर बने राम दरबार में 23 मई को प्रतिमा स्थापित की जाएगी। इस प्रतिमा के दर्शन करने के लिए पास सिस्टम लागू होगा जिससे हर रोज सिर्फ 750 लोग ही दर्शन कर पाएंगे।
नृपेंद्र मिश्र ने जानकारी दी कि राम मंदिर के पहले फ्लोर पर बने राम दरबार की 3 जून से प्राण प्रतिष्ठा शुरू हो जाएगी और इसका उत्सव 5 जून तक चलेगा। उन्होंने कहा, '30 मई से पहले शेषावतार मंदिर में लक्ष्मण जी की प्रतिमा को स्थापित कर दिया जाएगा। राम दरबार में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पास का सिस्टम लागू होगा क्योंकि वहां पर कुछ ही लोग जा सकते हैं।' हालांकि, उन्होंने इस बात की जानकारी नहीं दी कि राम दरबार में श्रद्धालु कब से दर्शन कर पाएंगे। इस बारे में उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं के दर्शन की तारीख राम मंदिर ट्रस्ट तय करेगा।
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एक दिन में सिर्फ 750 श्रद्धालु कर सकेंगे दर्शन
राम मंदिर के पहले फ्लोर पर जो राम दरबार बन रहा है उसमें कुछ ही श्रद्धालुओं को दर्शन करने की अनुमति मिलेगी। नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि पहले 3 महीनों में हम यह देखेंगे कि मंदिर के पहले फ्लोर पर कितना लोड डाला जा सकता है। वैज्ञानिकों की एक टीम ने मंदिर के मापदंड को देखकर हर घंटे 50 श्रद्धालुओं को राम दरबार के दर्शन करने की अनुमति दी है। एक दिन में सिर्फ 750 श्रद्धालु ही राम दरबार दर्शन कर पाएंगे और इसके लिए पास 'पहले आओ पहले पाओ' के आधार पर बांटे जाएंगे।
आधुनिक सेंसरों से होगी निगरानी
राम मंदिर के निर्माण में आधुनिक तकनीक का खूब इस्तेमाल किया गया है। इस मंदिर के पहले फ्लोर पर 10 आधुनिक सेंसर लगे हैं। इन सेंसरों के जरिए पत्थरों की मूवमेंट की जानकारी मिलती है। भूकंप में भी ये सेंसर पहले ही संकेत दे देते हैं। इन सेंसरों के जरिए पहले 3 महीनों में राम दरबार में श्रद्धालुओं के जाने से मंदिर पर पड़ने वाले लोड को मापा जाएगा। 3 महीने बाद राम दरबार में हर रोज कितने श्रद्धालुओं को भेजा जा सकता है इसका फैसला किया जाएगा।
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दिसंबर तक पूरा हो जाएगा निर्माण
राम मंदिर का पहला फ्लोर तो लगभग बनकर तैयार है और इसमें प्रतिमा की स्थापना भी मई और जून के महीने में हो जाएगी। उम्मीद है कि जून के महीने में पहले फ्लोर पर बने राम दरबार को प्राण प्रतिष्ठा के बाद श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा। राम मंदिर निर्माण समिति के अनुसार, मंदिर इस साल दिसंबर तक पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा। हालांकि, श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र में हो रहे कई अन्य निर्माण कार्य इसके आगे भी जारी रह सकते हैं।