अयोध्या के राम मंदिर में मंगलवार सुबह 6:30 बजे से प्राण प्रतिष्ठा से संबंधित धार्मिक अनुष्ठान शुरू हो गए हैं। यह पूजा लगातार 12 घंटे तक चलेगी। इस दौरान कुल 101 विद्वान पंडित मिलकर 1975 मंत्रों का पाठ कर रहे हैं। अग्नि देव को हवन के माध्यम से आहुतियाँ दी जा रही हैं और मूर्तियों का शुद्धिकरण भी विधिपूर्वक किया जा रहा है। अनुष्ठान में श्रीराम से जुड़े विशेष स्तोत्रों और भजनों का पाठ हो रहा है। इसमें रामरक्षा स्तोत्र, हनुमान चालीसा और अन्य भक्तिपूर्ण गीतों का सामूहिक पाठ शामिल है।
इसके साथ-साथ, मंदिर परिसर में बने सात अन्य मंदिरों में भी विभिन्न देवी-देवताओं की मूर्तियों की स्थापना और शुद्धिकरण की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। यह पूरा आयोजन अत्यंत श्रद्धा और विधिपूर्वक संपन्न किया जा रहा है, जो मंदिर की धार्मिक महत्ता को और अधिक बढ़ाता है।
5 जून को प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य कार्यक्रम के दौरान (सुबह से दोपहर 3 बजे तक) सामान्य दर्शन, विशिष्ट दर्शन और सुगम दर्शन सभी निलंबित रहेंगे। शाम 3 बजे के बाद दर्शन सामान्य रूप से फिर से शुरू हो जाएंगे।
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नए स्थापित मंदिरों के दर्शन:
राम दरबार और परकोटे में स्थापित 7 अन्य मंदिरों (शिव, गणेश, हनुमान, सूर्य देव, मां भगवती, मां अन्नपूर्णा और शेषावतार) की प्राण प्रतिष्ठा के बाद भी आम जनता को तुरंत दर्शन की अनुमति नहीं होगी। श्री राम जन्मभूमि निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने मीडिया को बताया कि समारोह के बाद एक सप्ताह के भीतर जनता के लिए खुल जाएगा।
मंदिर प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह एक सीमित और निजी आयोजन है, जिसमें केवल विशिष्ट अतिथियों, संतों और वैदिक आचार्यों को ही आमंत्रित किया गया है। आम श्रद्धालुओं को इन मंदिरों में दर्शन करने के लिए कुछ समय इंतजार करना होगा।