तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने बुधवार को केंद्र सरकार से मांग की कि पूर्व केंद्रीय मंत्री और तेलंगाना के ओबीसी नेता बंडारू दत्तात्रेय को भारत का अगला उपराष्ट्रपति बनाया जाए। उन्होंने कहा कि तेलुगु देश की दूसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है, इसलिए तेलंगाना के लोगों को यह सम्मान मिलना चाहिए।
रेड्डी ने पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को ‘दुखद’ बताया। उन्होंने कहा, ‘अगला उपराष्ट्रपति तेलंगाना से होना चाहिए। तेलंगाना के साथ इतना अन्याय नहीं होना चाहिए। हिंदी के बाद तेलुगु और फिर बंगाली सबसे ज्यादा बोली जाती हैं। हमारे लोगों के साथ अन्याय हुआ है।’
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राज्यपाल रहे हैं दत्तात्रेय
रेड्डी ने पत्रकारों से कहा, 'मैंने एनडीए सरकार से मांग की है कि बंडारू दत्तात्रेय को उपराष्ट्रपति बनाया जाए। अगर ऐसा होता है, तो सरकार के कुछ गलत काम माफ हो सकते हैं।' दत्तात्रेय 2019 से 2021 तक हरियाणा के राज्यपाल रहे और जुलाई 2021 से हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल थे। उन्होंने 21 जुलाई 2025 को यह पद छोड़ा।
रेड्डी ने कहा कि उन्होंने दत्तात्रेय का नाम इसलिए प्रस्तावित किया क्योंकि आजकल ओबीसी समुदाय की बहुत चर्चा हो रही है और दत्तात्रेय एक ओबीसी नेता हैं। उन्होंने यह भी कहा कि तेलंगाना बीजेपी अध्यक्ष बंदी संजय को भी हटाया गया, जो तेलुगु ओबीसी समुदाय का प्रमुख चेहरा हैं।
मदद करने की बात कही
रेड्डी ने केंद्र की बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, 'पहले तेलुगु भाषी नेता एम. वेंकैया नायडू को दिल्ली से वापस भेजा गया। फिर दत्तात्रेय को राज्यपाल पद से हटाया गया और अब बंदी संजय को बीजेपी अध्यक्ष पद से हटा दिया गया।'
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जब उनसे पूछा गया कि क्या कांग्रेस दत्तात्रेय की उम्मीदवारी का समर्थन करेगी, तो रेड्डी ने कहा, 'मैं दत्तात्रेय की मदद करने की कोशिश करूंगा और अपनी पार्टी के नेतृत्व से भी इसके लिए अनुरोध करूंगा। लेकिन अंतिम फैसला कांग्रेस नेतृत्व लेगा।'
रेड्डी ने यह भी आरोप लगाया कि जब तक एनडीए सरकार सत्ता में है, देश खतरे में रहेगा और इसे हटाने की जरूरत है।’