logo

मूड

ट्रेंडिंग:

'आजादी का मतलब ठेस पहुंचाना नहीं,' HC ने नहीं दी शर्मिष्ठा को बेल

कोलकाता हाई कोर्ट ने शर्मिष्ठा पलोनी को जमानत देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि बोलने की आजादी है लेकिन तभी तक, जब तक यह किसी की धार्मिक भावनाओं को आहत न करे। पढ़ें रिपोर्ट।

Sharmistha Panoli

शर्मिष्ठा पनोली। (AI Generated Image, Photo Credit: ChatGpt)

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

पश्चिम बंगाल की कलकत्ता हाई कोर्ट ने शर्मिष्ठा पनोली को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया है। शर्मिष्ठा पनोली ने स्थानीय अदालत के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें उन्हें 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। कलकत्ता हाई कोर्ट ने उन्हें अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया है। शर्मिष्ठा पनोली पर आरोप हैं कि उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करके एक समुदाय विशेष की धार्मिक भावनाओं को आहत किया है।

शर्मिष्ठा पनोली कानून की छात्रा हैं। आरोप हैं कि उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर समुदाय विशेष की धार्मिक भावनाओं को भड़काया, उन्होंने धार्मिक प्रतीकों का अफमान किया और पैगंबर मोहम्मद के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं। 

यह भी पढ़ें: शर्मिष्ठा पनोली पर लगे आरोप कितने गंभीर हैं? वकील से समझिए

 

पार्थ सारथी चटर्जी,  कलकत्ता हाई कोर्ट:- 

सोशल मीडिया पर इस वीडियो को बनाया गया था। यह सुना गया कि इस वीडियो की वजह से किसी वर्ग विशेष की भावनाएं आहत हुई हैं। हमारे पास बोलने की आजादी है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम किसी को ठेस पहुंचाएं। हमारा देश विविधतपूर्ण है। हर लोग अलग-अलग धर्म, जाति और समुदाय से हैं। हमें कुछ कहते वक्त संवेदनशील होना चाहिए। एक दिन बाद भी आसमान नहीं गिर पड़ेगा।' 


यह भी पढ़ें:  पहले गाली, फिर माफी, आखिर कौन हैं खलबली मचाने वाली शर्मिष्ठा?

 

शर्मिष्ठा के वीडियो पर हंगामा बरपा तो उन्होंने लोगों से माफी मांगी और पोस्ट भी हटा ली। उन्हें पश्चिम बंगाल पुलिस ने हरियाणा के शहर गुरुग्राम से गिरफ्तार किया। 15 मई को उनके खिलाफ पहली FIR दर्ज हुई, अरेस्ट वॉरंट जारी हुआ, दो दिनों बार 17 मई को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।


अपनी गिरफ्तारी को अवैध बता रहीं हैं शर्मिष्ठा

 
शर्मिष्ठा पनोली, सिम्बायोसिस लॉ स्कूल की छात्रा हैं और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर हैं। पनोली का कहना है कि उनकी गिरफ्तारी अवैध तरीके से हुई है। जवाब में पश्चिम बंगाल पुलिस ने कहा है कि तय कानूनी मानकों के हिसाब से ही गिरफ्तारी हुई है। पुलिस ने तर्क दिया कि उन्हें नोटिस भेजा गया था, जिसके बाद गिरफ्तारी की गई।


और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap