दिल्ली-NCR से आवारा कुत्तों को हटाया जाएगा या नहीं? अब इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की बड़ी बेंच करेगी। अब इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों- जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एनवी अंजारिया की स्पेशल बेंच करेगी। इस मामले में सोमवार को जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की बेंच ने स्वतः संज्ञान लेते हुए फैसला दिया था। बेंच ने दिल्ली-NCR के सभी आवारा कुत्तों को 8 हफ्ते में शेल्टर में शिफ्ट करने का आदेश दिया था।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को न सिर्फ अव्यवहारिक बल्कि खर्चीला भी बताया जा रहा था। अब बताया जा रहा है कि अगर सभी आवारा कुत्तों को रिलोकेट किया जाता है, तो इस पर हर दिन 11 करोड़ रुपये का खर्च होगा।
हिंदुस्तान टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि दिल्ली नगर निगम (MCD) ने अपनी असेसमेंट रिपोर्ट में अनुमान लगाया है कि अगर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू किया जाता है तो एक कुत्ते पर हर दिन लगभग 110 रुपये का खर्च आएगा। इसमें उसके खाने-पीने, साफ-सफाई, मेडिकल और देखभाल के लिए रखे जाने वाले कर्मचारी का खर्च शामिल है।
हर दिन 11 करोड़ होंगे खर्च!
11 अगस्त को आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद MCD ने इसे लेकर बैठकें शुरू कर दी हैं। शेल्टर होम के लिए जगह भी तलाशें जा रही हैं।
MCD के एक सीनियर अफसर ने हिंदुस्तान टाइम्स से कहा, 'अगर दिल्ली के सभी 10 लाख आवारा कुत्तों को शेल्टर होम में रिलोकेट किया जाता है तो हर दिन लगभग 11 करोड़ रुपये खर्च होंगे।' उन्होंने बताय कि शुरुआत में सिर्फ कुछ हजार कुत्तों को ही रिलोकेट किया जाएगा। ये वे कुत्ते होंगे जो अक्सर काटते रहते हैं या किसी बीमारी से पीड़ित हैं।
MCD अभी गौशालाओं में रखी गई एक गाय पर हर दिन लगभग 40 रुपये खर्च करती है। गायों की तुलना में आवारा कुत्तों का खर्च लगभग तीन गुना होगा।
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अभी क्या है व्यवस्था?
फिलहाल, MCD हर दिन 350 से ज्यादा आवारा कुत्तों को पकड़ती है और उनकी नसबंदी करती है। नसबंदी के बाद 10 दिन की निगरानी होती है और उन्हें फिर छोड़ दिया जाता है। एक कुत्ते की नसबंदी पर लगभग 1 हजार रुपये खर्च होते हैं।
इसके अलावा, MCD आवारा कुत्तों पर माइक्रोचिप लगाने की तैयारी भी कर रही है। बताया जा रहा है कि नसबंदी के बाद कुत्तों में माइक्रोचिप लगाई जाएंगी, ताकि उन्हें ट्रैक किया जा सके। इस माइक्रोचिप को स्कैन कर कुत्ते से जुड़ी जानकारी ली जा सकेगी। बताया जा रहा है कि एक चिप पर 150 से 200 रुपये का खर्च आएगा।
अधिकारियों ने बताया कि घोघा डेयरी में 80 एकड़ जमीन पर एक बड़ा शेल्टर होम बनाने पर विचार किया जा रहा है। इसके अलावा, द्वारका सेक्टर 29 समेत कई और जगहों पर शेल्टर के लिए जमीनें तलाशी जा रहीं हैं। हालांकि, अधिकारियों का मानना है कि अगर सभी कुत्तों को रिलोकेट करने के लिए मौजूदा संसाधन काफी नहीं हैं।
क्या था सुप्रीम कोर्ट का फैसला?
एक अखबार की रिपोर्ट पर स्वतः संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त को एक फैसला दिया था। जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की बेंच ने 8 हफ्तों में सभी आवारा कुत्तों को हटाने का आदेश दिया था।
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने दिल्ली-NCR की निगमों का आदेश दिया था कि वे 6 से 8 हफ्ते में 5 हजार कुत्तों के लिए शेल्टर होम बनाएं और उन्हें वहां रखें और 8 हफ्ते में इसकी रिपोर्ट दें।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का जमकर विरोध हुआ। एनिमल राइट्स एक्टिविस्ट ने इसका विरोध किया था। अब इस मामले को सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की बेंच को सौंप दिया गया है, जिस पर गुरुवार को सुनवाई होगी।