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हादसों में मरने वाले 40% लोग नहीं लगाते हेलमेट, सीट बेल्ट: रिपोर्ट

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने भारत में सड़क दुर्घटनाओं को लेकर अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी कर दी है। यह रिपोर्ट 2023 में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को लेकर है।

Annual Road Accidents

प्रतीकात्मक तस्वीर।

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने भारत में सड़क दुर्घटनाओं को लेकर अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी कर दी है। यह रिपोर्ट 2023 में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को लेकर है। इसके मुताबिक, 2023 में सड़क दुर्घटनाओं में 1,72,890 मौतें हुई थीं। इसमें 40% से ज्यादा मौतें उन लोगों की हुईं जिन्होंने हेलमेट-सीटबेल्ट नहीं पहना था और नशे में गाड़ी चला रहे थे।

 

मंत्रालय ने रिपोर्ट में बताया है कि 2023 में मारे गए 54,568 दोपहिया वाहन चालकों ने हेलमेट नहीं पहना था। इसमें 39,160 चालक और 15,408 यात्री शामिल हैं। यह 2023 में सड़क दुर्घटनाओं में हुई कुल मौतों का 31.6% है। इसी तरह, सीटबेल्ट का इस्तेमाल नहीं करने वाले वाहन सवारों में 16,025 मौतें हुईं, जिनमें 8,441 चालक और 7,584 यात्री शामिल थे। कार से मरने वालों का कुल मौतों में से 9.3 फीसदी हैं।

 

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नशे में गाड़ी चलाने से कितनी मौतें?

परिवहन मंत्रालय ने कहा कि 2023 में नशे में गाड़ी चलाने या शराब और नशीली दवाओं के सेवन से होने वाली दुर्घटनाओं में 3,674 मौतें हुईं और 7,253 लोग घायल हो गए। नशे में गाड़ी चलाने की वजह से होने वाली मौतें कुल सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों का लगभग 2.1 फीसदी हैं। हालांकि, 2022 में ऐसी 4,201 मौतें दर्ज की गई थीं।

 

इस बीच, तेज गति भी सड़क दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण रही। 2023 के दौरान, कुल सड़क दुर्घटनाओं में तेज गति के कारण 68.4% हादसे हुए। तेज गति की वजह से 68.1% मौतें और 69.2% चोटें आईं।

 

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लाइसेंस संबंधित हादसे

मंत्रालय की रिपोर्ट में लाइसेंस से संबंधित हादसों पर भी बात की गई है। लर्नर लाइसेंस वाले और बिना वैध लाइसेंस वाले ड्राइवरों से जुड़ी दुर्घटनाएं कुल मामलों का 10.3 फीसदी थीं। 2023 की तुलना में 2022 की रिपोर्ट को देखें तो पता चलता है कि बिना वैध ड्राइविंग लाइसेंस वाले ड्राइवरों से जुड़ी दुर्घटना के मामलों की संख्या 2022 में 35,925 थी जबकि, 2023 में 33,827 हुई। इसमें 5.8 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।

 

रिपोर्ट को देखने के बाद पता चलता है कि नशे में गाड़ी चलाना, शराब और नशीली दवाओं का सेवन, लाल बत्ती जंप करना और मोबाइल फोन का इस्तेमाल कुल दुर्घटनाओं का 3.9 फीसदी है। साथ ही कुल मौतों का 4.3 फीसदी था है।

 

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