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EVM पर भरोसा नहीं, बैलट पेपर से फिर से वोटिंग कराने की तैयारी!

महाराष्ट्र के एक गांव के लोग बैलट पेपर से फिर से वोटिंग करवाकर यह साबित करना चाहते हैं कि उनके गांव में EVM से पड़े वोटों में गड़बड़ी हुई है। प्रशासन ने इस पर रोक लगा दी है।

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प्रतीकात्मक तस्वीर, Source: ECI

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महाराष्ट्र के एक गांव के लोग बैलट पेपर से फिर से वोटिंग करवाकर यह साबित करना चाहते हैं कि उनके गांव में EVM से पड़े वोटों में गड़बड़ी हुई है। प्रशासन ने इस पर रोक लगा दी है।

महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव के बाद विपक्षी पार्टियों ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस ने तो यहां तक कह दिया है कि अब वह बैलट पेपर को लेकर एक यात्रा भी निकालेगी। राजनीतिक दलों से इतर महाराष्ट्र के एक गांव के लोगों को तो वोटों की गिनती के बाद भरोसा ही नहीं हो रहा है। इस गांव के लोग अपने भरोसे को साबित करने के लिए खुद ही बैलट पेपर से वोटिंग कराने जा रहे हैं। अब स्थानीय प्रशासन ने इस पर रोक लगा दी है। यहां निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है यानी इस तरह की गतिविधि की अनुमति नहीं है। साथ ही, सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है। स्थानीय प्रशासन का कहना है कि इस तरह की पोलिंग कराई जाएगी तो पोलिंग सामग्री को जब्त कर लिया जाएगा।

 

यह मामला महाराष्ट्र के सोलापुर जिले की मलशिरास विधानसभा सीट का है। यहां पर एनसीपी (शरद पवार) के उत्तमराव शिवदास जाणकर को जीत मिली है। दूसरे नंबर पर बीजेपी के राम विट्ठल सतपुते रहे। जीत-हार का अंतर 13147 वोट रहा। इसी विधानसभा सीट के मरकड़वाड़ी इलाके के लोगों का कहना है कि उनके गांव के लोगों ने हमेशा से जाणकर का समर्थन किया है लेकिन वोटिंग के नतीजे दिखा रहे हैं कि यहां बीजेपी के राम विट्ठल को ज्यादा वोट मिले हैं। यही वजह है कि गांव के लोग अब बैलट पेपर से रीपोलिंग करवाकर यह देखना चाहते हैं कि ईवीएम में कहीं कोई गड़बड़ी तो नहीं हुई है। गांव के लोगों का कहना है कि उनके गांव में राम विट्ठल का जीतना संभव ही नहीं है।

वोटों की गिनती पर नहीं है भरोसा

 

इसी गांव के निवास रंजीत मरकड़ बताते हैं, 'गांव में लगभग 2000 वोट हैं। 1900 लोगों ने इस बार लगभग वोट डाले। इसमें से जाणकर को सिर्फ 843 वोट मिले और बीजेपी के राम विट्ठल को 1003 वोट मिल गए। यह संभव ही नहीं है और हमें इन आंकड़ों पर भरोसा भी नहीं है। यही वजह है कि हमने बैलट पेपर से अपने यहां चुनाव कराने का फैसला किया है।' स्थानीय लोगों ने पहले जिला प्रशासन से संपर्क किया लेकिन प्रस्ताव स्वीकार नहीं हुआ तो लोगों ने खुद से ही रीपोलिंग कराने का निर्णय लिया। अब लोगों ने खुद ही बैलट पेपर का इंतजाम कर लिया है और मंगलवार को यह वोटिंग होनी है।

 

स्थानीय प्रशासन ने इस प्रस्तावित वोटिंग का संज्ञान लेते हुए गांव में भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर दी है। गांववालों का कहना है कि पुलिस ने गांव की सड़कें बंद कर दी हैं और कहा है कि अगर कोई इस गतिविधि में शामिल होता है उसके खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा। साथ ही, यह भी कहा है कि पोलिंग सामग्री भी जब्त की जाएगी। मलिशराज डिवीडन के डीएसपी नारायण शिरगावकर का कहना है कि गांव में पर्याप्त पुलिस बल तैनात है और कानून व्यवस्था बनाए रखने की पूरी कोशिश की जाएघी।

 


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