logo

मूड

ट्रेंडिंग:

JNU का प्रोफेसर विदेशी स्टूडेंट के यौन उत्पीड़न केस में हुआ बर्खास्त

JNU में एक विदेशी स्टूडेंट से छेड़खानी करने के आरोप में एक सीनियर प्रोफेसर को बर्खास्त कर दिया गया है। कुछ अन्य मामलों में तीन और लोगों को बर्खास्त किया गया है।

JNU

JNU Campus, Photo Credit: PTI

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में से एक जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) एक बार फिर चर्चा में है। अब JNU की इंटरनल कम्प्लेंट कमेटी (ICC) ने एक सीनियर प्रोफेसर को एक विदेशी स्टूडेंट से छेड़खानी और यौन उत्पीड़न के आरोप में बर्खास्त कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक, यह घटना कुछ महीने पहले की है। इसकी  शिकायत ICC से की गई थी और जांच में इस शिकायत को विश्वसनीय भी माना गया है। छेड़खानी के आरोप में बर्खास्त हुए प्रोफेसर के अलावा एक अन्य फैकल्टी मेंबर और दो अन्य स्टाफ को भी अलग-अलग वजहों से बर्खास्त कर दिया गया है।
 
विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि यह कोई अकेला मामला नहीं बल्कि प्रोफेसर के खिलाफ पहले भी कई शिकायतें प्राप्त हुई हैं। जेएनयू की कुलपति शांतिश्री धुलीपुडी पंडित ने बताया, 'जेएनयू प्रशासन यौन उत्पीड़कों और भ्रष्ट कर्मचारियों के प्रति कोई नरमी नहीं बरतने की नीति के लिए प्रतिबद्ध है।' उनका कहना है कि कि यह बर्खास्तगी, कैंपस की सुरक्षा और जवाबदेही पर यूनिवर्सिटी के दृढ़ रुख को दर्शाती है। बताया गया है कि विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद की ओर से इस मामले में विस्तार से जांच की गई और जांच के बाद ही यह फैसला लिया गया है।

 

यह भी पढ़ें- 'कल्पना नहीं की थी कि जज कानून बनाएंगे...', SC के फैसले पर भड़के धनखड़

क्या है मामला?

 

रिपोर्ट के मुताबिक, जापान की एक रिसर्चर से यूनिवर्सिटी के एक कार्यक्रम के दौरान फैकल्टी मेंबर (प्रोफेसर) ने कथित तौर पर छेड़छाड़ की थी। भारत से जापान लौटने पर महिला रिसर्चर ने एक औपचारिक शिकायत दर्ज कराई थी। इस मामले को राजनयिक तरीके से भारतीय दूतावास के ध्यान में लाया गया और बाद में विदेश मंत्रालय और यूनिवर्सिटी को भेजा गया। आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) ने आरोपों को विश्वसनीय पाया, जिसके बाद कार्यकारी परिषद ने बर्खास्तगी की सिफारिश की। 

 

यह भी पढ़ें- बंगाल शिक्षक भर्ती: 'बेदाग' शिक्षकों को सुप्रीम राहत, पद पर बने रहेंगे

 

सूत्रों ने बताया कि आरोपी को यूनिवर्सिटी की अपीलीय समिति के समक्ष अपील करने या अदालत का दरवाजा खटखटाने का अधिकार है। इस बीच, पर्यावरण विज्ञान विभाग के एक अन्य फैकल्टी मेंबर को एक रिसर्च प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार के आरोपों में बर्खास्त कर दिया गया है और मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया गया है। रिसर्च प्रोजेक्ट पर फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की रिपोर्ट के बाद दो नॉन टीचिंग स्टाफ को भी बर्खास्त कर दिया गया है।

Related Topic:#JNU

और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap