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US वीजा के लिए सोशल मीडिया पॉलिसी पर भारत का क्या है रुख? MEA ने बताया

अमेरिकी वीजा के लिए नए सोशल मीडिया पॉलिसी पर भारत सरकार सरकार ने अपना रुख साफ किया है। जानिए सभी बातें।

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सांकेतिक चित्र(Photo Credit: Freepik)

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हाल ही में अमेरिका ने वीजा आवेदकों के लिए कुछ नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिनका सीधा असर भारतीय नागरिकों पर भी पड़ सकता है। अमेरिका में पढ़ाई, ट्रेनिंग या अन्य नॉन-इमिग्रेशन से जाने वालों के लिए अब कुछ और शर्तें लागू कर दी गई हैं। इस पर भारत सरकार ने अपनी प्रतिक्रिया दी है और साफ कहा है कि भारतीयों के वीजा आवेदन 'योग्यता के आधार पर' देखा जाना चाहिए।

 

भारत के विदेश मंत्रालय ने यह बात तब कही जब अमेरिकी दूतावास ने नए दिशा-निर्देशों की घोषणा की, जिनमें सोशल मीडिया की जानकारी देना अनिवार्य किया गया है। अमेरिका की नई वीजा पॉलिसी के अनुसार, अब F, M और J श्रेणी के वीजा के लिए आवेदन करने वालों को अपने पिछले पांच सालों के सभी सोशल मीडिया अकाउंट्स की जानकारी देनी होगी। इन वीजा केटेगरी में खास तौर से छात्र, ट्रेनी और एक्सचेंज विजिटर आते हैं।

 

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क्या है नई वीजा पॉलिसी?

नए नियम के अनुसार आवेदकों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि उनके सोशल मीडिया अकाउंट्स 'पब्लिक' मोड में हों, ताकि अमेरिकी अधिकारी उनके ऑनलाइन गतिविधि और पोस्ट को देख सकें। कोई आवेदक यदि यह जानकारी नहीं देता या जानकारी छिपाता है, तो उसके वीजा को नकारा जा सकता है और भविष्य में वीजा लेने के अवसर भी समाप्त हो सकते हैं।

क्या है भारत सरकार की प्रतिक्रिया?

भारत सरकार ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि वीजा और इमिग्रेशन से जुड़ी नीतियां किसी भी देश की संप्रभुता के तहत आती हैं लेकिन साथ ही यह भी उम्मीद जताई है कि भारतीय नागरिकों के आवेदनों को निष्पक्षता और उनके योग्यता के आधार पर किया जाएगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने मीडिया को बताया कि भारत सरकार अमेरिका के साथ इस विषय में संपर्क में है और भारतीय नागरिकों के हितों की रक्षा के लिए सभी प्रयास कर रही है।

 

अमेरिकी दूतावास का कहना है कि यह कदम सुरक्षा वजहों से उठाया गया है। उनके अनुसार, वीजा आवेदकों की पहचान और उनके बैकग्राउंड को ठीक से जांचने के लिए सोशल मीडिया की जानकारी जरूरी है। यह प्रणाली साल 2019 से चलन में थी लेकिन अब इसे और अधिक सख्ती से लागू किया जा रहा है।

 

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अमेरिका में हाल ही में इमिग्रेशन कानूनों को कड़ा किया गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में इस नीति को और ज्यादा सख्ती से लागू किया गया है। इसका असर न सिर्फ गैरकानूनी प्रवासियों पर हो रहा है, बल्कि कानूनी तरीके से वीजा लेने वालों पर भी पड़ सकता है।

 

इस नीति के खिलाफ अमेरिका में कई जगह विरोध प्रदर्शन भी हुए हैं। खासकर लॉस एंजेलेस में, जहां आव्रजन और सीमा सुरक्षा विभाग (ICE) के अधिकारियों के खिलाफ विरोध हुआ। इन प्रदर्शनों में लोगों ने इन नीतियों को व्यक्तिगत स्वतंत्रता का उल्लंघन बताया और कहा कि इससे निर्दोष लोगों पर भी असर पड़ सकता है।


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