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10-20 रुपये के टिकट से कितना कमा लेती है दिल्ली मेट्रो?

दिल्ली मेट्रो में अब सफर करना थोड़ा महंगा हो गया है। DMRC ने 8 साल बाद किराये में मामूली बढ़ोतरी की है। किराये में यह बढ़ोतरी घाटे से जूझ रही DMRC को थोड़ा उबरने में मदद कर सकती है।

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प्रतीकात्मक तस्वीर। (Photo Credit: PTI)

दिल्ली मेट्रो ने किराया बढ़ा दिया है। दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) ने 8 साल बाद किराया बढ़ाया है। आखिरी बार 2017 में किराया बढ़ाया गया था। यह किराया 1 से 4 रुपये तक बढ़ा है। हालांकि, एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर 5 रुपये तक किराया बढ़ाया गया है। किराये की ये नई दरें सोमवार से ही लागू हो गई हैं।


DMRC के मुताबिक, अब सबसे कम किराया 11 रुपये और सबसे ज्यादा 64 रुपये होगा। इसी तरह नेशनल हॉलीडे या रविवार को यात्रा करने पर भी अब पहले से ज्यादा किराया लगेगा। 


DMRC ने बताया है कि 2 किलोमीटर तक की यात्रा पर अब 10 की बजाय 11 रुपये किराया लगेगा। 2 से 5 किलोमीटर पर 20 की जगह 21 रुपये किराया देना होगा। इसके अलावा, 5 से 12 किमी की यात्रा पर 30 की बजाय 32 रुपये, 12 से 21 किमी की यात्रा पर 40 की बजाय 43 रुपये और 21 से 32 किमी की यात्रा पर 50 की बजाय 54 रुपये किराया लगेगा। 32 किलोमीटर से ज्यादा की यात्रा पर अब 64 रुपये किराया देना होगा। पहले 60 रुपये किराया लगता था।

 


इसे ऐसे समझिए कि अगर आप नोएडा सिटी सेंटर से राजीव चौक तक जाते हैं तो अब आपको 40 की बजाय 43 रुपये किराया देना होगा। इसी तरह अगर नोएडा सिटी सेंटर से द्वारका सेक्टर 21 तक जाते हैं तो 64 रुपये किराया लगेगा।

 

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कितना बड़ा है दिल्ली मेट्रो का जाल?

दिल्ली मेट्रो इस साल तक दुनिया का सिंगल सिटी में सबसे लंबा मेट्रो नेटवर्क बन जाएगा। अभी सबसे लंबा सिंगल सिटी नेटवर्क न्यूयॉर्क मेट्रो का है। न्यूयॉर्क मेट्रो का जाल 399 किलोमीटर तक फैला है। वहीं, दिल्ली मेट्रो का नेटवर्क 394 किलोमीटर का है।


इस साल तक गोल्डन लाइन भी खुल जाएगी। यह 12 किलोमीटर लंबी होगी, जो एअरोसिटी से तुगलकाबाद तक जाएगी। इसके शुरू होते ही दिल्ली मेट्रो सिंगल सिटी के लिए सबसे लंबा नेटवर्क होगा। इसका मतलब होगा कि किसी एक शहर में इतना बड़ा मेट्रो नेटवर्क दुनिया में कहीं और नहीं होगा।


DMRC ने 25 दिसंबर 2002 को पहली मेट्रो शुरू की थी। यह शाहदरा से तीस हजारी तक थी। इसके बाद से अब तक 12 कॉरिडोर पर मेट्रो चलती है, जिसमें 289 स्टेशन आते हैं। अब दिल्ली मेट्रो सिर्फ दिल्ली तक ही नहीं रही, बल्कि नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम, फरीदाबाद, बहादुरगढ़ और बल्लभगढ़ तक पहुंच गई है।

 

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ऐसे कितना कमा लेती है दिल्ली मेट्रो?

DMRC की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक, 2023-24 में हर दिन मेट्रो से औसतन 58 लाख से ज्यादा यात्रियों ने सफर किया था। कभी-कभी तो यह आंकड़ा 70-80 लाख को भी कर जाता है। इसी साल 8 अगस्त को एक ही दिन में 81.87 लाख यात्रियों ने दिल्ली मेट्रो से सफर किया था।


यात्रियों की बढ़ती संख्या से दिल्ली मेट्रो की कमाई भी खूब बढ़ रही है। 2023-24 में DMRC ने 7,661 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई की थी। इससे पहले 2022-23 में DMRC को 6,919 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी। इस हिसाब से एक साल में DMRC की कमाई 10 फीसदी से ज्यादा बढ़ी थी।


DMRC को यह कमाई तीन तरीकों से हुई थी। पहला- ट्रैफिक ऑपरेशन, जिससे 6,835 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई हुई थी। यानी टिकटों की बिक्री से। दूसरा- ग्रांट अमोर्टाइजेशन, जिससे DMRC से 655 करोड़ रुपये कमाए। यह सरकार से मिलने वाली एक तरह की ग्रांट होती है। और तीसरा- दूसरे तरीकों से जिससे दिल्ली मेट्रो ने 171 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई की थी। 


हालांकि, कमाई से ज्यादा खर्च है, इसलिए DMRC घाटे में ही है। 2023-24 में DMRC ने 9,443 करोड़ रुपये खर्च किए थे, जबकि उसे कमाई 7,661 करोड़ रुपये थी। इस हिसाब से उसे 1,781 करोड़ रुपये से ज्यादा का घाटा हुआ था। हालांकि, यह घाटा टैक्स चुकाने से पहले का था। DMRC को 2023-24 में 5,104 करोड़ रुपये से ज्यादा का घाटा हुआ था। 


DMRC का आधे से ज्यादा खर्च तो मेट्रो चलाने और कर्मचारियों पर खर्च हो जाता है। 2023-24 में DMRC ने 5,290 करोड़ से ज्यादा का खर्च इन्हीं दोनों पर किया था।

 

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किराया बढ़ाने से क्या फायदा होगा?

DMRC कई सालों से घाटे से जूझ रही है। पहले कोविड और फिर जापान इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एजेंसी (JICA) से लिए कर्ज का ब्याज चुकाने के कारण DMRC पर वित्तीय संकट बढ़ता जा रहा है।


DMRC का कहना है कि घाटे को थोड़ा कम करने के लिए किराये में मामूली बढ़ोतरी की गई है। DMRC का अनुमान है कि 2024-25 में 1,589 करोड़ रुपये का घाटा हो सकता है। घाटे का यह अनुमान टैक्स चुकाने से पहले का है। 


2022-23 में DMRC को कुल घाटा 1,513 करोड़ रुपये था, जो 2023-24 में बढ़कर 5,104 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया। यानी एक साल में ही DMRC का घाटा तीन गुना से ज्यादा बढ़ गया। DMRC ने 23 साल में अब तक सिर्फ 6 बार ही किराया ही बढ़ाया है। इससे पहले 2004, 2005, 2009 और 2017 में दो बार किराया बढ़ाया गया था। अब 8 साल बाद दिल्ली मेट्रो का किराया बढ़ाया गया है।

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