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प्लास्टिक के डिब्बे में रखते हैं खाना, हो सकती हैं हृदय की बीमारियां

प्लास्टिक में मौजूद सूक्ष्म कण हमारे सेहत के लिए बेहद हानिकारक होते हैं। माइक्रोप्लास्टिक की वजह से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।

plastic can cause heart disease

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Freepik)

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हम सभी प्लास्टिक से बनी चीजों का इस्तेमाल अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में करते हैं। कई लोग प्लास्टिक के डिब्बे में खाने पीने की चीजें रखते हैं। प्लास्टिक की बोतल में पानी पीते हैं। क्या आपने कभी सोचा है कि प्लास्टिक से बनी चीजों में खाने पीने का सामान रखना सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। इनमें मौजूद केमिकल्स से हार्ट अटैक और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। कई स्टडी में इस बात की पुष्टि हुई है। आइए जानते हैं प्लास्टिक में ऐसा कौन सा केमिकल मौजूद होता है जिससे हृदय रोग होने का खतरा बढ़ जाता है।

 

न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के लैंगोन हेल्थ रिसर्च (NYU Langone Health) में बताया गया कि प्लास्टिक में DEHP (डाय 2 एथाइलेहेक्टिस थैलेट्स) नाम का केमिकल होता है। इस केमिकल का इस्तेमाल प्लास्टिक को पिघलाने के लिए किया जाता है। इस रिसर्च को लांसेट ईबायोमेडिसिन नाम के मेडिकल जर्नल में पब्लिश किया गया है। यह केमिकल दुनियाभर में दिल की बीमारियों से होने वाली 13% मौतों के लिए जिम्मेदार है।

 

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DEHP केमिकल की वजह से हो सकता है हार्ट अटैक

 

DEHP केमिकल प्लास्टिक को मुलायम और लचीला बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इस केमिकल का इस्तेमाल खाने के डिब्बों, बोतलों, बच्चों के खिलौनों और प्लास्टिक के अन्य सामानों को बनाने में किया जाता है। DEHP को पीवीसी (PVC) कहा जाता है। इस केमिकल के सूक्ष्म कण खाने पीने की चीजों के माध्यम से हमारे शरीर के ब्लड सेल्स में घुल जाते हैं। इन सूक्षम कणों की वजह से हार्ट की आर्टरी में सूजन हो जाती है और इस वजह से हार्ट अटैक और स्ट्रोक आने का खतरा बढ़ जाता है।

 

 

शोधकर्ताओं क मुताबिक, साल 2018 में दुनियाभर में दिल की बीमारी से मरने वाले लगभग 3.56 लाख लोगों की मौतों की एक वजह प्लास्टिक में पाया जाने वाला खतरनाक केमिकल DEHP हो सकता है। इसी अध्ययन में बताया गया कि प्लास्टिक में मौजूद थैलेट्स केमिकल की वजह से हार्मोन असंतुलन, प्रजनन समस्याएं और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं। 

 

माइक्रोप्लास्टिक की वजह से बढ़ता है हार्ट अटैक का खतरा

 

साइंस डायरेक्ट में प्रकाशित अध्ययन में भी पाया गया कि माइक्रोप्लास्टिक हृदय के लिए हानिकारक होता है। इस स्टडी में 3000 लोगों को शामिल किया गया। स्टडी में बताया गया कि जब हम गर्मा गर्म खाना प्लास्टिक के डिब्बे में डालते हैं तो उसमें मौजूद माइक्रोप्लास्टिक के कण हमारे खाने में घुल जाते हैं। माइक्रोप्लास्टिक के कण शरीर में सूजन पैदा करते हैं जिससे हार्ट फेलियर का खतरा बढ़ जाता है। इस स्टडी में किसी खास केमिकल का नाम नहीं बताया गया लेकिन बीपीए (BPA), थैलेट्स और पीएफए (PFA) जैसे हानिकारक केमिकल का जिक्र किया गया है।

 

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माइक्रोप्लास्टिक से बचने के उपाय

  • खाने पीने की चीजों को प्लास्टिक की जगह स्टेनलेस स्टील के बर्तनों में रखें।
  • ग्लास वाले बर्तनों का इस्तेमाल करें।
  • प्लास्टिक के डिब्बों में गर्मागर्म खाना रखने की गलती ना करें।
  • स्टेनलेस स्टील की बोतल में पानी पिएं।

दिल के मरीज रखें अपनी सेहत का खास ख्याल

  • प्रोसेस्ड और जंक फूड खाने से बचें।
  • ज्यादा नमक का सेवन ना करें
  • चीनी और रिफाइंड कार्ब्स का सेवन कम करें।
  • अधिक मात्रा में शराब ना पिएं।
  • रेड मीट ना खाएं।

शरीर को स्वस्थ रखने के लिए बैलेंस डाइट खाएं। मौसमी फल और सब्जियों का सेवन करें। अधिक फाइबर और प्रोटीन वाली चीजों का सेवन करें। हेल्दी डाइट के साथ रोजाना 30 मिनट तक एक्सरसाइज करें।

 

 


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