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ट्रंप की डेडलाइन में सिर्फ 2 दिन बचे, क्या भारत कर पाएगा ट्रेड डील?

अमेरिका और भारत के बीच 1 अगस्त तक ट्रेड डील नहीं हुई तो भारतीय सामान पर भारी टैरिफ लगने की आशंका है। डील नहीं होने से भारतीय शेयर मार्केट में भी अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है।

PM Modi with President Trump

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ , Photo Credit- Instagram

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टैरिफ लगाने में दी गई अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की छूट में सिर्फ 2 दिन का समय बचा है। जिन देशों के साथ अमेरिका की ट्रेड डील नहीं हो पाई उन पर 1 अगस्त से  ट्रंप प्रशासन भारी टैरिफ लगाएगा। फिलहाल भारत भी उन देशों में शामिल है जिनकी अमेरिका के साथ ट्रेड डील नहीं हो पाई है।

 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका के ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव जेमीसन ग्रीर का कहना है कि डील को लेकर भारत और अमेरिका के बीच अभी और बातचीत होनी बाकी है। ऐसे में 1 अगस्त से पहले कोई डील होने मुश्किल लग रहा है।  वहीं, कुछ अधिकारियों का कहना है कि दोनों देशों के बीच लास्ट मिनट डील की आशंकाओं को भी खारिज नहीं किया जा सकता है। हालांकि, दोनों के बीच बातचीत की अगली तारीख 25 अगस्त तय की गई है।

 

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डील नहीं हुई तो क्या होगा?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को कहा कि जिन देशों ने अमेरिका के साथ ट्रेड डील नहीं की है उन पर 15 से 20% टैरिफ लगाया जा सकता है। ट्रंप ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा, 'मैं बहुत ज्यादा सख्त नहीं होना चाहता हूं , इसलिए इतना टैरिफ काफी रहेगा'

 

जबकि इससे पहले उन्होंने टैरिफ लिए 10% बेसलाइन तय की थी। ट्रंप ने कहा कि वह 200 देशों के साथ अलग-अलग समझौते नहीं कर सकते हैं। ऐसे में जिसके साथ उनकी डील नहीं हुई उन देशों पर अब 10% की बजाय 15 से 20 % टैरिफ लगेगा। फिलहाल अमेरिका निर्यात किए जाने वाले सामान पर भारत 12% तक का टैरिफ देता है।

 

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डील में कैसे होते गई देरी?

अमेरिकी मीडिया हाउस न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक ट्रंप के शपथ के बाद से ही भारत ट्रेड डील को लेकर काफी उतावला रहा। हालांकि 6 महीने बाद भी दोनों देशों के बीच कोई डील नहीं हो पाई। इसके बाद दोनों देशों में 9 जुलाई तक ट्रेड डील की संभावना जताई गई थी। फिर भी कई राउंड तक चली बातचीत के बाद भी कोई डील नहीं हो पाई।

 

रिपोर्ट्स के मुताबिक दोनों देशों में खेती से जुड़े सामान को लेकर मामला अटक रहा है। अमेरिका भारती की एग्रीकल्चर मार्केट में ज्यादा एक्सेस की मांग कर रहा है। यानी भारतीय मार्केट में अपना ज्यादा सामान बेचना चाहता है। वहीं भारत का कहना है कि इससे देश के किसानों और खेती पर नकारात्मक असर पड़ेगा।

 

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भारत से ये सामान खरीदता है अमेरिका?

  • दवाईयां
  • ऑटो पार्ट्स
  • बिजली का सामान
  • जेमस्टॉन
  • टेक्सटाइल
  • ज्वैलरी

 


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