logo

मूड

ट्रेंडिंग:

'मुकाबला नहीं सहयोग, शक नहीं भरोसा', चीन ने भारत से दिखाई दोस्ती

SCO की विदेश मंत्रियों की मीटिंंग में चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने भारत के साथ बातचीत में दोस्ती के संकेत दिए। उन्होंने दोनों देशों के बीत संबंधों को बेहतर बनाने की बात कही।

S Jaishankar । Photo Credit: PTI

एस जयशंकर । Photo Credit: PTI

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

सोमवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की विदेश मंत्रियों की बैठक में चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ बातचीत में कहा कि चीन, भारत के साथ मतभेदों को ठीक करने और आपसी सहयोग बढ़ाने के लिए तैयार है। वांग यी ने कहा कि भारत और चीन को एक-दूसरे पर संदेह करने के बजाय भरोसा करना चाहिए और प्रतिस्पर्धा की जगह सहयोग को बढ़ावा देना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों को मिलकर वैश्विक व्यापार व्यवस्था को मजबूत करना चाहिए ताकि वैश्विक उत्पादन और आपूर्ति श्रृंखला स्थिर रहे। 

 

वांग यी ने जयशंकर से कहा कि भारत और चीन को लंबे समय के लिए योजनाएं बनानी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘चीन और भारत को अच्छे पड़ोसी और दोस्त बनने की दिशा में काम करना चाहिए। हमें आपसी सम्मान, भरोसा, शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व और जीत-जीत सहयोग का रास्ता ढूंढना चाहिए।’

 

यह भी पढ़ेंः 5 साल में पहली बार चीन पहुंचे जयशंकर, क्या है इस दौरे का मकसद?

उठाया बॉर्डर का मुद्दा  

भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इस बैठक में सीमा विवाद का मुद्दा भी उठाया, जो लंबे समय से दोनों देशों के बीच तनाव का कारण रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले नौ महीनों में सीमा पर तनाव कम हुआ है, जिससे दोनों देशों के बीच रिश्ते बेहतर हुए हैं। जयशंकर ने कहा, 'यह आपसी रणनीतिक भरोसे की नींव है।’  उन्होंने यह भी कहा कि भारत और चीन के बीच स्थिर और रचनात्मक रिश्ते न केवल दोनों देशों के लिए, बल्कि पूरे विश्व के लिए फायदेमंद होंगे।

रिश्तों में हुआ सुधार

जयशंकर ने बताया कि अक्टूबर 2024 में रूस के कजान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद दोनों देशों के रिश्तों में सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के प्रतिनिधि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मिलते रहे हैं और भविष्य में ऐसी मुलाकातें भारत और चीन में भी हो सकती हैं।

75 साल का राजनयिक रिश्ता  

जयशंकर ने यह भी उल्लेख किया कि भारत और चीन ने आपसी राजनयिक संबंधों के 75 साल पूरे किए हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों को दूरदर्शी दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है ताकि रिश्ते और मजबूत हो सकें।

 

यह भी पढ़ें-- मैंगो डिप्लोमेसी’ के जरिए यूनुस बढ़ा रहे भारत की तरफ दोस्ती का हाथ?

वैश्विक व्यापार का दबाव  

वांग यी की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति के तहत आक्रामक टैरिफ नीतियां चर्चा में हैं। इस वजह से भारत और चीन जैसे देशों के बीच सहयोग और भी महत्वपूर्ण हो गया है। यह बैठक दोनों देशों के बीच विश्वास और सहयोग बढ़ाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम मानी जा रही है।

 

Related Topic:#China

और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap