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अमेरिका की कंपनी खोदेगी पाकिस्तान की धरती, हुई 500 मिलियन डॉलर की डील

पाकिस्तान सालों से आर्थिक तंगी की मार झेल रहा है। अपनी आर्थिक हालात सुधारने के लिए पाकिस्तान विदेशी कंपनियों को अपने देश बुलाकर खनिज संपदाओं को धरती से निकालने की डील कर रहा है।

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शहबाज शरीफ। Photo Credit- Pakistan PMO X

अमेरिका लगातार पाकिस्तान के साथ अपने व्यापारिक संबंध मजबूत कर रहा है। अमेरिका की यह कवायद ऑपरेशन सिंदूर के बाद और तेज हो गई है। इसमें अमेरिका और वहां की प्राइवेट कंपनियां प्रमुख खिलाड़ी हैं। ताजा मामले में अमेरिका के मिसौरी बेस्ड 'यूएस स्ट्रैटेजिक मेटल्स' ने पाकिस्तान के खनिज क्षेत्र में विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के लिए 500 मिलियन डॉलर के निवेश समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।

 

पाकिस्तान के फ्रंटियर वर्क्स ऑर्गनाइजेशन ने सोमवार को यूएस स्ट्रैटेजिक मेटल्स के साथ एक समझौता किया। फ्रंटियर वर्क्स ऑर्गनाइजेशन पाकिस्तान की महत्वपूर्ण खनिजों का सबसे बड़ा खननकर्ता है। यह दोनों कंपनियां मिलकर पाकिस्तान में एक पॉली-मेटैलिक रिफाइनरी की स्थापना करेंगी।

 

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पाकिस्तान में आर्थिक तंगी

दरअसल, यह समझौता पिछले महीने अमेरिका और पाकिस्तान के बीच हुए एक व्यापार समझौते के बाद हुआ है। आर्थिक तंगी की मार झेल रहे पाकिस्तान को पहले से ही उम्मीद थी कि देश में बड़े खनिज और तेल भंडारों में अमेरिका निवेश को बढ़ावा देगा।

पुर्तगाल की कंपनी से भी डील

इसके अलावा पाकिस्तान की नेशनल लॉजिस्टिक्स कॉर्प ने पुर्तगाल की इंजीनियरिंग एवं निर्माण क्षेत्र की दिग्गज कंपनी मोटा-एंगिल ग्रुप के साथ एक और समझौते पर हस्ताक्षर किया है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस समझौतों का स्वागत किया है। शहबाज शरीफ ने यूएस स्ट्रैटेजिक मेटल्स और मोटा-एंगिल के प्रतिनिधिमंडलों के साथ पाकिस्तान के तांबे, सोने, दुर्लभ मृदा और अन्य खनिज संसाधनों पर चर्चा की।

धरती ने क्या निकलेगा?

पाकिस्तान के पीएम कार्यालय ने एक बयान में कहा कि दोनों वैल्यू एडेड सुविधाएं स्थापित करने, मिनरल प्रोसेसिंग क्षमता बढ़ाने और बड़े पैमाने पर खनन परियोजनाएं शुरू करने पर सहमत हुए हैं। इसमें कहा गया है, 'यह साझेदारी पाकिस्तान से आसानी से उपलब्ध खनिजों, जिनमें एंटीमनी, तांबा, सोना, टंगस्टन और दुर्लभ मृदा तत्व शामिल हैं, के निर्यात के साथ तुरंत शुरू होगी।'

 

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कनाडा की हो चुकी पहले ही एंट्री

पाकिस्तान में अमेरिकी दूतावास ने इस कदम का स्वागत करते हुए एक बयान में कहा, 'यह हस्ताक्षर अमेरिका-पाकिस्तान द्विपक्षीय संबंधों की मजबूती का एक और उदाहरण है जिससे दोनों देशों को फायदा होगा।' बता दें कि इस साल की शुरुआत में शहबाज शरीफ ने कहा था कि पाकिस्तान के पास खरबों डॉलर मूल्य के खनिज भंडार हैं और विदेशी निवेश देश को अपने लंबे वित्तीय संकट से उबरने और बड़े पैमाने पर विदेशी लोन पर अपनी निर्भरता कम करने में मदद कर सकता है।

 

अमेरिका की स्ट्रैटेजिक मेटल्स अब उन कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियों में शामिल हो गई है जो पाकिस्तान के खनन क्षेत्र में एंट्री कर चुकी हैं। कनाडा की बैरिक गोल्ड कंपनी पहले से ही अरबों डॉलर के खनन परिजोना पर काम कर रही है। यह कंपनी बलूचिस्तान की रेको दिक सोने की खदान में 50% हिस्सेदारी पर काम कर रही है।

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