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स्टार्टअप जैसे दिखते हैं, वैसे होते नहीं! Foxhog की कहानी से समझिए

एक न्यूज वेबसाइट ने स्टार्टअप कंपनी फॉक्सहोग वेंचर और उसके सीईओ तरुण पोद्दार को लेकर रिपोर्ट छापी है, जिसमें दावा किया है कि कंपनी ने कई झूठे दावे किए हैं।

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फॉक्सहोग के सीईओ तरुण पोद्दार। (Photo Credit: wikiflux)

बाहर से जो जैसा दिखता है, जरूरी नहीं कि अंदर से भी वैसा ही हो। कुछ इसी तरह का मामला एक स्टार्टअप कंपनी फॉक्सहोग वेंचर (Foxhog Ventures) और उसके सीईओ तरुण पोद्दार का है। इसे लेकर 'हेड एंड टेल' नाम की न्यूज वेबसाइट ने एक रिपोर्ट की है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि फॉक्सहोग और तरुण पोद्दार की बाहर से जैसी दिखती है, अंदर से वैसी नहीं है। रिपोर्ट में कहा गया है कि तरुण पोद्दार खुद को एक बड़े वेंचर कैपिटलिस्ट के तौर पर पेश करते हैं लेकिन उनके बिजनेस करने के तरीकों पर सवाल उठते हैं।

 

रिपोर्ट कहती है कि तरुण पोद्दार हाल ही में कई सरकारी कार्यकर्मों और मीडिया इवेंट्स में नजर आए हैं, जिससे उनकी कंपनी को बड़ा नाम बनाने में मदद मिल रही है। तरुण पोद्दार को उनकी कंपनी 'ग्रामीण भारत का मसीहा' के तौर पर पेश करती है। हाल ही में उनकी कंपनी को भी 'इमर्जिंग VC ऑफ द ईयर' का अवॉर्ड भी मिला है।

 

न्यूज वेबसाइट ने अपनी रिपोर्ट में सवाल उठाया है कि क्या तरुण पोद्दार वाकई 'ग्रामीण भारत का मसीहा' हैं? सवाल इसलिए उठाया गया है कि क्योंकि कथित तौर पर तरुण पोद्दार का इतिहास विवादित रहा है।

 

वेबसाइट में दावा किया है कि 2018 में जब तरुण पोद्दार 24 साल के थे, तब उन्हें एक महिला के साथ लाखों रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। आरोप लगा था कि तरुण ने खुद को लेखक बताया था और महिला के भतीजे का एक टॉप स्कूल में एडमिशन करवाने के नाम पर लाखों रुपये ठगे थे। उसी साल यह भी आरोप लगा था कि उन्होंने एक कंपनी के साथ भी धोखाधड़ी की थी।

 

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2020 में तरुण पोद्दार ने अमेरिका में फॉक्सहोग वेंचर की शुरुआत की थी। 2022 में उन्होंने इस कंपनी को भारत में रजिस्टर करवाया। बाद में कंपनी ने यह भी दावा किया था कि वह 630 करोड़ रुपये का IPO लाने वाली है। इतना ही नहीं, कंपनी ने यह भी दावा किया था कि उसे GGV Capital से 6.3 करोड़ डॉलर की फंडिंग मिली है। इसके अलावा कंपनी ने दावा किया था कि CSR के तहत उसने IIT कानपुर को 25 करोड़ और IIT रुड़की को 17 करोड़ रुपये दिए हैं। हालांकि, बाद में यह जानकारियां हटा दी गईं।

 

न्यूज वेबसाइट का दावा है कि तरुण पोद्दार की कंपनी फर्जी फाइनेंशियल रिजल्ट भी दिखाए। वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक, रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज में दाखिल रिपोर्ट में कंपनी ने बताया था कि 2023-24 में उसका रेवेन्यू 1.55 करोड़ रुपये था और उसका मुनाफा सिर्फ 31,706 रुपये था। हालांकि, कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर शानदार रिजल्ट का दावा किया।

 

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रिपोर्ट बताती है कि तरुण पोद्दार और उनकी कंपनी फॉक्सहोग ने मीडिया और PR जैसे तरीकों का इस्तेमाल कर खुद को सम्मानित वेंचर कंपनी बताया लेकिन गहराई से जांच करें तो कंपनी के कई सारे दावे और फाइनेंशियल रिजल्ट झूठे नजर आते हैं। इसमें कहा गया है कि यह सिर्फ एक व्यक्ति का मामला नहीं है, बल्कि स्टार्टअप सिस्टम के लिए एक चेतावनी है।

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